हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस "असुल काफ़ी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیه السلام:
إنّي لَأكرَهُ لِلرّجُلِ أن يَكونَ علَيهِ نِعمَهٌ مِن اللّه فلا يُظهِرُها
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
मुझे यह पसंद नहीं है जब किसी के पास अल्लाह की नेमत हो और वह उसका इज़हार न करे।
अल-काफ़ी: भाग 6, पेज 439
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