शनिवार 24 फ़रवरी 2024 - 08:39
सुस्ती का अंजाम

हौज़ा / हज़रत इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में सुस्ती के अंजाम को बयान फ़रमाया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "काफ़ी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام الباقر علیه السلام

إِنِّي لَأُبْغِضُ الرَّجُلَ أَوْ أُبْغِضُ لِلرَّجُلِ أَنْ يَكُونَ كَسْلَاناً [كَسْلَانَ‏] عَنْ أَمْرِ دُنْيَاهُ وَ مَنْ كَسِلَ عَنْ أَمْرِ دُنْيَاهُ فَهُوَ عَنْ أَمْرِ آخِرَتِهِ أَكْسَلُ

हज़रत इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
जो आदमी दुनिया के काम में सुस्ती (आलस्य) करे मै उसे पसंद नहीं करता और जो भी दुनिया के काम मे सुस्ती करता है वह अपनी आखिरत के काम मे अधिक सुस्त है।

काफ़ी (टी-इस्लामिया), भाग 2,  पेज 82,  हदीस 4

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