बुधवार 11 दिसंबर 2024 - 23:14
एमजे खालिद की कविताएं और ग़ज़लें अपने व्यक्तित्व से दिल को छू जाती हैं, प्रोफेसर सगीर इफ्राहीम

हौज़ा/ सुप्रसिद्ध शायर एवं पत्रकार एम जे खालिद के दिल्ली से अलीगढ आगमन पर "बज़्म-ए-नवीद" द्वारा डकार इलियास नवीद गुनुरी के संरक्षण में "साहिब असर मंजिल ज़हरा बाग अलीगढ" में एक चर्चा एवं काव्य सत्र का आयोजन किया गया -ए-सखों अलीगढ'' की गई, जिसकी अध्यक्षता आगरा के महान शायर दिल ताज महली ने की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जाने-माने शायर और पत्रकार एमजे खालिद के दिल्ली से अलीगढ़ आगमन पर डकार इलियास नवीद गुनुरी की सरपरस्ती में "साहब असर मंजिल ज़हरा बाग़ अलीगढ" में एक समारोह का आयोजन किया गया। बज़्म-ए-नवीद-ए सख़ान अलीगढ'' पर चर्चा और काव्य सत्र आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता आगरा से आये वरिष्ठ शायर दिल ताज मोहली ने की।

एमजे खालिद की कविताएं और ग़ज़लें अपने व्यक्तित्व से दिल को छू जाती हैं, प्रोफेसर सगीर इफ्राहीम

प्रोफेसर सगीर इफ्राहीम, प्रोफेसर शफी कदवई, अलीम कौसर सहायक आयुक्त आगरा, असलम मेहदी, डॉ शुजात हुसैन, डॉ कंवर आसिफ और बाबर इलियास विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि डॉ सैयद बसीरुल हसन वफ़ा नकवी ने निज़ामत का कर्तव्य निभाया।

इस अवसर पर एमजे खालिद के शब्द संग्रह 'सत्तारी है शब से हम कलामी' और उस्ताद शायर दिल ताज महली की पुस्तक 'कुलियात-ए दिल' का विमोचन समारोह भी किया गया.

एमजे खालिद की कविताएं और ग़ज़लें अपने व्यक्तित्व से दिल को छू जाती हैं, प्रोफेसर सगीर इफ्राहीम

इस मौके पर अतिथियों ने एमजे खालिद की किताब पर भी चर्चा की।

प्रोफेसर सगीर इफ्राहीम ने उनकी कविताओं का विश्लेषण प्रस्तुत किया और उनकी विशिष्टता की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी कविताओं के शीर्षक बहुत सार्थक हैं और उनकी कविता अन्य कवियों से अद्वितीय और अलग है।

प्रोफेसर शफ़ी क़दवई ने कहा कि एमजे खालिद की विशिष्टता यह है कि वह दूसरों के रास्ते पर नहीं चले, बल्कि अपना रास्ता चुना और बेहतरीन ग़ज़लें लिखीं।

डॉ. शुजात हुसैन ने कहा कि एमजे खालिद की शायरी में उनके अनुभव, ब्रह्मांड का अवलोकन और पर्यावरणीय रंग गहराई से नजर आते हैं।

एमजे खालिद की कविताएं और ग़ज़लें अपने व्यक्तित्व से दिल को छू जाती हैं, प्रोफेसर सगीर इफ्राहीम

बाबर इलियास, डॉ. जावेद वारसी, डॉ. इरफान जमाली, डॉ. मुजीब शहजर, डॉ. महताब मेहदी, डॉ. वसी बेग बिलाल हैदराबादी, फतिन अशरफ, तरब नियाज़ी, अंजुम बदायुनी, अतीक सहर, आदिल फ़राज़, जुल्फिकार जुल्फी, जाहिद खान काव्य सत्र में राहत एवं डॉ. सैयद बसीरुल हसन, वफ़ा नकवी आदि ने अपना भाषण प्रस्तुत किया।

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