हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,तेहरान के महिला इस्लामी मदरसे की शिक्षिका ख़ानम फ़लाह तफ़्ती ने कहा, फ़ातिमी समाज का मतलब एक ऐसा समाज है जो हर क्षेत्र में हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.अ.को अपना आदर्श मानकर उनके नक्शे-कदम पर चले।
उन्होंने कहा,हज़रत सिद्दीक़ा ताहिरा (स) का ख़ुत्बा-ए-फ़दक़िया इस्लामी मदरसों के पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए और इस ख़ुत्बे से समाज की ज़रूरतों के मुताबिक़ व्यावहारिक और उपयोगी शोध हासिल किए जाने चाहिए।
महिला मदरसे की शिक्षिका ने कहा,कुछ छात्राएं शोध में रुचि रखती हैं लेकिन उन्हें शोध का अवसर और ज़रूरी साधन उपलब्ध नहीं हो पाते क्योंकि अत्यधिक शैक्षणिक गतिविधियां और अन्य कारण उनके लिए रुकावट बनते हैं।
उन्होंने आगे कहा,हमारा आदर्श हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.अ.हैं और फ़ातिमी समाज की स्थापना के लिए ऐसे व्यावहारिक और शोधपरक कार्य करना आवश्यक है, जो व्यक्ति समाज और अन्य क्षेत्रों में प्रगति और उन्नति का कारण बनें।
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