शुक्रवार 6 दिसंबर 2024 - 21:35
अंजुमने सय्यद अलशोहदा आलमिया के तहत उर्दू ज़बान में आयोजित मजालिस ए फातमी मे जाएरीन और छात्रों की बड़ी संख्या ने भाग लिया

हौज़ा / क़ुम अलमुक़द्दस ईरान में हय्यात ए सैयदअलशोहदा आलमिया उर्दू भाषा की ओर से सिद्दीक़ा ए कुबरा हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा सलामुल्लाह अलैहा की शहादत के मौके पर तीन दिवसीय मजालिस का आयोजन किया गया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , क़ुम अलमुक़द्दस ईरान में हय्यात ए सैयदअलशोहदा आलमिया उर्दू भाषा की ओर से सिद्दीक़ा ए कुबरा हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा सलामुल्लाह अलैहा की शहादत के मौके पर तीन दिवसीय मजालिस का आयोजन किया गया।

इन मजालिस में भारत और पाकिस्तान के प्रमुख उलेमा और बड़ी संख्या में जायरीनों ने हिस्सा लिया।

क़ुम अलमुक़द्दस ईरान में हय्यात ए सैयदअलशोहदा आलमिया उर्दू भाषा की ओर से आयोजित इन अय्याम-ए-फ़ातिमिया की मजालिस-ए-अज़ा को हिंदुस्तान से ताल्लुक रखने वाले प्रसिद्ध आलिम ए दीन हुज्जतुल इस्लाम सैयद शमीम रज़ा रिज़वी ने संबोधित किया।

इसके अलावा भारत और पाकिस्तान के मशहूर मुनक़बितख्वानों और नौहा ख्वानों ने अपने कलाम पेश कर हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की शहादत पर श्रद्धांजलि दी।

मजलिस-ए-अज़ा में हुज्जतुल इस्लाम सैयद शमीम रज़ा रिज़वी ने कहा, हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा इंसानियत के लिए हिदायत का चिराग़ हैं। मानवता उनको अपने जीवन का आदर्श बनाकर हिदायत के रास्ते पर चल सकती है।

क़ुम अलमुक़द्दस ईरान में हय्यात ए सैयदअलशोहदा आलमिया उर्दू भाषा के तहत आयोजित मजालिस-ए-फ़ातिमी का समापन हो गया जिसमें जायरीनों और छात्रों की बड़ी संख्या ने भाग लिया।

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