हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,आज 28 जनवारी 27रजब हैं,जिस दिन हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व. के ईश्वरीय दूत होने की घोषणा की गई।
27 रजब को जब पैग़म्बरे इस्लाम की आयु 40 वर्ष थी, हिरा नामक ग़ुफ़ा में जिबरईल ने अल्लाह की ओर से उन्हें ईश्वरीय दूत घोषित किया।
इस प्रकार, आमुल फ़ील के 40वें वर्ष में मोहम्मद मुस्तफ़ा अंतिम ईश्वरीय दूत घोषित हुए, ताकि लोगों को जिहालत से निकालकर नैतिकता का पाठ पढ़ाएं और इंसानियत को नई ऊंटाईयों पर लेकर जाएं।
पैग़म्बरे इस्लाम को अंतिम ईश्वरीय दूत घोषित करने की घटना को इस्लाम में बेसत कहा जाता है, जो दुनिया में इस्लामी और नैतिक सभ्यता की शुरूआत का दिन है।
पैग़म्बरे इस्लाम ने मानवता के मार्गदर्शन के लिए आदर्श के रूप में अपने आचरण के साथ ही ईश्वरीय किताब क़ुरान को पेश किया, ताकि रहती दुनिया तक लोग इसके प्रकाश में सही मार्ग पर आगे बढ़ सकें।
आज के दिन ईरान और दुनिया भर में मुसलमान ईदे बेसत मना रहे हैं और मिठाईयों के साथ ही एक दूसरे को बधाई प्रस्तुत कर रहे हैं।
इस मौके पर हम आपकी खिदमत में अपनी पूरी टीम की तरफ से ईद ए बेसत की बहुत सारी बधाई पेश करते हैं।
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