मंगलवार 18 फ़रवरी 2025 - 06:37
ऐसे व्यक्ति की दुआ स्वीकार नहीं होती

हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में अत्याचारी का समर्थन करने के परिणामों की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "अल-काफ़ी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الصادق علیه السلام:

مَن عَذَرَ ظالِما بظُلمِهِ سَلَّطَ اللّهُ علَيهِ مَن يَظلِمُهُ، فإن دَعا لَم يُستَجَبْ لَهُ، و لَم يَأجُرْهُ اللّهُ على ظُلامَتِهِ

इमाम जाफ़र सादिक(अ) ने फ़रमाया:

जो व्यक्ति अत्याचारी और अत्याचारी के अन्याय के लिए बहाने और औचित्य खोजेगा (अर्थात उसके अन्याय की व्याख्या करेगा), तो अल्लाह तआला उस पर कोई ऐसा व्यक्ति नियुक्त कर देगा जो उस पर अत्याचार करेगा। यदि वह दुआ करेगा तो उसकी दुआ स्वीकार नहीं की जाएगी, और यदि उसके साथ अन्याय भी हो तो अल्लाह तआला उसे उसका बदला नहीं देगा।

अल-काफ़ी: भाग 2, पेज 334, हदीस 18

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