۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
ज़रीह

हौज़ा / हज़रत इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.) ने इमाम हुसैन की कब्र की ज़ियारत से हासिल होने वाली सीख की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस को "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से उद्धृत किया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الباقر علیه السلام:

اِنّ الحُسَيْنَ صاحِبَ كَربَلا قُتِلَ مَظْلوما، مَكروبا عَطْشانا، لَهفانا فآلَى اللّه ُعَزَّوَجلّ عَلى نَفْسِهِ اَن لا ياتيَهُ لَهفانٌ و لا مَكروبٌ و لا مُذنِبٌ و لا مَغمومٌ و لاعَطشانٌ و لا مَنْ بِهِ عاهَةٌ ثُمَّ دَعا عِندَهُ و تَقَرَّبَ بِالحُسَيْنِ بنِ عَلىٍّ عليه السلام اِلَى اللّه ِ عَزَّوَجَلَّ إلاّ نَفَّسَ اللّه ُ كُرْبَتَهُ وَ اَعطاهُ مَسأَلَتَهُ و غَفَرَ ذَنـْبَهُ وَ مَدَّ فى عُمُرِهِ وَ بَسَطَ فى رِزقِهِ فَاعتَبِروا يا اُولـِى الاَبْصار

हजरत इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.स.) ने फ़रमाया:

हुसैन (अ.स.) साहिब-ए-कर्बला (कर्बला का मालिक), मज़लूम, रंजीदा ख़ातिर, प्यासे और मुसीबत ज़दा शहीद हुए। अल्लाह ने अपनी क़सम खाई है कि कोई भी मुसीबत जदा, दुःखी, पापी, ग़मगीन, प्यासा और परेशान व्यक्ति अल्लाह की ओर मुड़कर इमाम हुसैन की कब्र के पास दुआ करे और इमाम हुसैन (अ) के दरबार मे शफ़ीअ क़रार दे तो अल्लाह तआला उसके ग़मो को दूर करेगा और उसकी हाजत को पूरा करेगा उसके पापो को क्षमा कर देगा उसकी आयु का लंबा कर देगा और उसकी जीविका मे विस्तार करेगा, बस अहले बसीरत को सीख हासिल करनी चाहिए।

बिहार उल-अनवार, भाग 101, पेज 46, हदीस 5

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