हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार ,,पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
عَلامَةُ الصّابِرِ فِى ثَلاثٍ: اَوَّلُها، اَنْ لايَكْسِلَ، وَالثَّانِيَةُ، اَنْ لايَضْجُرَ، وَالثّالِثَةُ، اَنْ لايَشْكُوَ مِنْ رَبِّهِ عز و جل لاِنَّهُ اِذا كَسِلَ فَقَدْ ضَيَّعَ الْحَقَّ وَ اِذا ضَجِرَ لَمْ يُؤَدِّ الشُّكْرَ، وَاِذا شَكا مِنْ رَبِّهِ عز و جل فَقَدْ عَصاهُ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
सब्र करने वाले व्यक्ति की तीन अलामत हैं।
(1)कहींल और सुस्त नहीं होता,
(2)तंग दिल नही होता,
(3)अपने रब से शिकायत नहीं करता क्योंकि अगर सुस्त और काहिल होगा तो हक़ को तबाह व बर्बाद कर देगा,अगर तंगदिल होगा तो शुक्रिया अदा नहीं करेगा,और परवरदिगार से शिकायत करेगा,तो गुनाह में मुबतेलाह होगा,
बिहारूल अनवार,71/86