हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामी क्रान्ति के नेता ने नमाज़ में रुकूअ के भूल जाने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।, जिसका उल्लेख हम यहां धार्मिक मुद्दों में रुचि रखने वालों के लिए कर रहे हैं।
* नमाज़ मे रुकूअ के भूल जाने का हुक्म
सवाल: अगर नमाज़ पढ़ते वक़्त किसी शख़्स को पता चले कि उसने रुकूअ नहीं किया है तो क्या उसकी नमाज़ बातिल हो जाती है? और अगर नमाज़ बातिल हो जाए तो उसकी क्या ज़िम्मेदारी है?
उत्तर: अगर पहले सजदे के दौरान या उसके बाद तथा दूसरे सजदे में प्रवेश करने से पहले नमाज़ पढ़ने वाले को याद आए कि उसने रुकूअ नहीं किया था, तो उसे खड़ा होना चाहिए, रुकूअ करना चाहिए, तथा दो सजदे करके नमाज़ पूरी करनी चाहिए (और फिर, एहतियात मुस्तहब की बिना पर उसे तुरंत बाद अतिरिक्त सजदे के कारण सजदे सहू करना चाहिए)।
नुक्ता: अगर वह खड़ा हुए बिना वहीं बैठे-बैठे रुकूअ के लिए झुक जाए तो उसकी नमाज़ बातिल हो जाएगी।
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