हौज़ा न्यूज़ एजेंसी| आयतुल्लाहिल उज़्मा सीस्तानी ने अक्द-ए-उख़ुव्वत (भाईचारे का अनुबंध) पढ़ने से सगे भाई का रिश्ता स्थापित होने से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जिसे हम शरई मसाइल मे रूचि रखने वालो के समक्ष प्रस्तुत कर रहे है।
* अक़्द ए उख़ूव्वत पढ़ने से सगे भाई का रिश्ता स्थापित होना
प्रश्न: क्या अक़्द ए उख़ूव्वत (भाईचारे का अनुबंध) पढ़ने से सगे भाई का रिश्ता स्थापित होता है?
उत्तर: अक़्द ए उख़ूव्वत केवल एक दुआ है, इसे पढ़ने से सगे भाई जैसा रिश्ता स्थापित नहीं होता।
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