हौज़ा न्यूज़ एजेंसी।
रमज़ान की तेरहवीं रात के काम
1): पैगम्बर की ज़ियारत
2): ग़ुस्ल
3): दो रकअत नमाज़ पढ़ें, प्रत्येक रकअत में सूर ए हम्द के बाद सूर ए यासीन, सूर ए मुल्क और सूर ए तौहीद पढ़ें।
4): चार रकअत नमाज़ दो रकअत में अदा करनी है, प्रत्येक रकअत में सूर ए हम्द और सूर ए तौहीद को 25 बार पढ़ना है।
रमज़ान की चौदहवीं रात के आमाल
1): दुआ ए मुजीर पढ़ें।
2): चार रकअत नमाज़ दो दो रकअत करके अदा की जानी चाहिए, जिनमें से प्रत्येक रकअत में सूर ए हम्द के बाद सूर ए यासीन, सूर ए मुल्क और सूर ए तौहीद पढ़ी जानी चाहिए।
रमज़ान की पंद्रहवीं रात के आमाल
1): इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत पढ़ें।
2): ग़ुस्ल करें।
3): दुआ ए मुजीर पढ़ें।
4): छः रकअत नमाज़ दो दो रकअत करके अदा की जानी चाहिए, जिनमें से प्रत्येक रकअत में सूर ए हम्द के बाद सूर ए यासीन, सूर ए मुल्क और तौहीद पढ़ी जानी चाहिए।
5): एक सौ रकअत नमाज़ दो दो रकअत में अदा की जानी चाहिए, प्रत्येक रकअत में सूर ए अल-हम्द के बाद सूर ए तौहीद को दस बार पढ़ा जाना चाहिए।
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