हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हौज़ा ए इल्मिया की सुप्रीम काउंसिल के सचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अहमद फ़र्रुखफ़ाल ने क़ुम में आयोजित छात्रों और विद्वानों की प्रतिनिधि परिषद की एक बैठक में भाग लिया और हौज़ा के विभिन्न संस्थानों के बीच सामंजस्य, क्रांति के सर्वोच्च नेता की छत्रछाया में विलायत के महत्व और इस्लामी प्रतिरोध के फल पर चर्चा की।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन फ़र्रुखफ़ाल ने जोर देकर कहा कि वर्तमान में हौज़ा ए इल्मिया के सभी विभाग, सुप्रीम काउंसिल और जामेअ मुदर्रेसीन सहित आपसी सहयोग और समन्वय के साथ काम कर रहे हैं।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन फ़र्रुखफ़ाल ने विलायत-ए-फ़क़ीह के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि विलायत-ए-फ़क़ीह इस्लामी शासन व्यवस्था का एक मजबूत और लौह स्तंभ है और इस्लामी हुक्मों का कार्यान्वयन इसके बिना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा: "जो लोग विलायत के अलावा अन्यत्र देख रहे हैं, वे या तो जानबूझकर अनेकेश्वरवाद में लिप्त हैं या फिर गंभीर उपेक्षा का शिकार हैं।"
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन फ़र्रुखफ़ाल ने क्षेत्र में प्रतिरोध और समर्पण की नीतियों की तुलना की और कहा: "लेबनान ने प्रतिरोध किया, जबकि सीरिया पीछे हट गया। आप स्वयं स्थिति देखें! प्रतिरोध करने वाले राष्ट्र का नुकसान आत्मसमर्पण करने वालों के नुकसान से कहीं कम है।"
अंत में हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन फ़र्रुखफ़ाल ने प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिये।
आपकी टिप्पणी