हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में रहबरे कबीर हज़रत आयतुल्लाहिलउज़मा सैयद रूहुल्लाह मूसवी ख़ुमैनी र०अ०, रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाहिलउज़मा सैयद अली ख़ामेनई द०ज़० और पवित्र इस्लामी हुकूमत के समर्थक व सच्चे दोस्त आलिम, फक़ीह, मुजाहिद हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद इब्राहीम रईसी द०इ० की बहुमत से मिली सफलता ने दिल को संतोष दिया कि अब इस्लाम की लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे से बाहर आ गई है और सत्ता उन लोगों के हाथों में चली गई है जिनमें इस्लाम आधारित है।
ईरान के वफादार और जागरूक लोगों ने अपनी अच्छी पसंद से एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे विलायत-ए-फकीह हुकूमत के पक्ष में हैं और वैश्विक उपनिवेशवाद के खिलाफ हैं। औपनिवेशिक षडयंत्र और प्रतिबंध उनकी स्थिरता को कभी हिला नहीं सकते।
अल्हम्दुलिल्लाह लंबे समय के बाद एक बार फिर क़ायेदे इंक़ेलाब के बुद्धिमान निर्णयों और ज्ञान को समझने और स्वीकार करने वाली सरकार बनी क्योंकि पिछले दशकों में जब आपके विचारों को अनदेखा किया गया था, तो नुकसान और शर्मिंदगी के अलावा कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ और इस कड़वे अनुभव के बाद ईरानी लोगों को यह स्पष्ट हो गया कि इस पवित्र इस्लामी हुकूमत और मानवीय मूल्यों की संरक्षकता विलायत-ए-फकीह के समर्थन में है। इमाम खुमैनी र०अ० ने भी राष्ट्र को विलायत-ए-फ़क़ीह का समर्थन करने की सलाह दी थी ताकि राज्य को कोई नुकसान न पहुंचे।
हम हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद इब्राहीम रईसी द०इ० और ईरान राष्ट्र की सेवा में इस महान सफलता पर बधाई देते हैं और अल्लाह से प्रार्थना करते हैं कि रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाहिलउज़मा सैयद अली ख़ामेनई द०ज़० और पवित्र इस्लामी हुकूमत के सच्चे और ईमानदार सेवकों को सेहत व सलामती और लंबी उम्र दे और पवित्र इस्लामी हुकूमत की रक्षा करे! आमीन
मौलाना सैयद सफी हैदर ज़ैदी
सिक्रेट्री तन्ज़ीमुल मकातिब
लखनऊ हिंदुस्तान