हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्मलिखित रिवायत उसूले काफ़ी पुस्तक ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है।
پیامبر اکرم (صلی الله علیه و آله و سلم):
مَنْ سَمِعَ رَجُلاً ینادی یا لَلْمُسْلِمینْ فَلَمْ یجِبْهُ فَلَیسَ بِمُسْلِم.
पैग़म्बर (स) ने फ़रमायाः
अगर कोई किसी मज़लूम इंसान की मदद की पुकार सुने और उसकी मदद न करे, तो वह सच्चा मुसलमान नहीं है।
उसूल काफ़ी, भाग 2, पेज 164
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