बुधवार 14 मई 2025 - 07:53
अपने आप को जन्नत से कम मत बेचो

हौज़ा / एक समझदार और सोचने वाला इंसान कभी भी अपनी चीज़ों या पूंजी को कम कीमत पर बेचने को तैयार नहीं होता। हमारा जीवन और अल्लाह की दी हुई सारी खुशियाँ और सुविधाएँ, इस दुनिया के बाजार में यही हमारा असली निवेश हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,  अल्लाह ने क़ुरआन में फ़रमाया है:

إِنَّ الَّذِینَ یَتْلُونَ کِتَابَ اللَّهِ وَأَقَامُوا الصَّلَاةَ وَأَنْفَقُوا مِمَّا رَزَقْنَاهُمْ سِرًّا وَعَلَانِیَةً یَرْجُونَ تِجَارَةً لَنْ تَبُورَ इन्नल लज़ीना यतलूना किताबल्लाहे व अक़ामुस सलाता व अंफ़क़ू मिम्मा रज़क़नाहुम सिर्रन व अलानीयतन यरजूना तेजारतन लन तबूरा 1

"वे लोग जो अल्लाह की किताब पढ़ते हैं, नमाज़ अदा करते हैं, और जो हमने उन्हें दिया है, उसमें से छिपकर और खुलेआम खर्च करते हैं, वे ऐसी तिज़ारत की उम्मीद रखते हैं जो कभी नष्ट नहीं होगी।" 

शरह 

इमाम हादी (अलैहिस्सलाम) ने एक हदीस में इस दुनिया को एक बाज़ार से तशबीह करते हुए फ़रमाया:
اَلدُّنْیَا سُوقٌ رَبِحَ فِیهَا قَوْمٌ وَ خَسِرَ آخَرُونَ अद्दुनिया सूक़ुन रबेहा फ़ीहा क़ौमुन व ख़सेरा आख़रूना 2

"दुनिया एक बाज़ार है जिसमें कुछ लोग मुनाफ़ा कमाते हैं और कुछ लोग नुकसान उठाते हैं।"

कुरान भी इस दुनिया के बाज़ार में कुछ लोगों को नुकसान उठाने वालों में बताता है:
فَمَا رَبِحَتْ تِجَارَتُهُمْ؛ फ़मा रबेहत तेजारतोहुम 3

"उनका कारोबार लाभ नहीं देता" 

और कुछ लोगों को ऐसे बताया है जो हमेशा एक ऐसे कारोबार की तलाश में रहते हैं, जो बहुत लाभदायक हो और कभी नुकसान न हो:
یَرْجُونَ تِجَارَةً لَنْ تَبُورَ यरजूना तेजारतन लन तबूरा 4

"वे ऐसी तिज़ारत की उम्मीद रखते हैं जो कभी खत्म नहीं होगी"

कुरान में अल्लाह तआला को खरीदार कहा गया है:

إِنَّ اللَّهَ اشْتَرَیٰ مِنَ الْمُؤْمِنِینَ أَنْفُسَهُمْ وَأَمْوَالَهُمْ بِأَنَّ لَهُمُ الْجَنَّةَ इन्नल्लाहश तरा मिनल मोमेनीना अंफ़ोसहुम व अमवालहुम बेअन्ना लहोमुल जन्ना 5

"अल्लाह ने मुमिनों से उनकी जानें और दौलत खरीद ली है, ताकि उनके बदले में जन्नत मिले"

और दूसरी तरफ इंसान को ग्राहक बताया गया है:

وَمِنَ النَّاسِ مَنْ یَشْرِی نَفْسَهُ ابْتِغَاءَ مَرْضَاتِ اللَّهِ व मिनन नासे मय यशरी नफ़सोहुब तेग़ाआ मरज़ालिल्लाहे 6

"और कुछ लोग अपनी जान अल्लाह की रज़ा पाने के लिए बेच देते हैं।"

इस कारोबार का फल इस दुनिया में भी मिलता है: (सदाअत अब्दी)

فَاسْتَبْشِرُوا بِبَیْعِکُمُ الَّذِی بَایَعْتُمْ بِهِ وَذَٰلِکَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِیمُ फ़असतब्शेरू बेबैऐकोमुल लज़ी बायाअतुम बेहि व ज़ोलेका होवल फ़ौज़ुल अज़ीम 7

"अब खुश हो जाओ उस सौदे की खुशखबरी से जो तुमने अल्लाह के साथ किया है, और यही बड़ी कामयाबी है।"

इसीलिए कहा जा सकता है कि एक समझदार और सोचने वाला इंसान कभी भी अपनी चीज़ या अपनी पूंजी को कम कीमत पर नहीं बेचता। हमारा जीवन और अल्लाह की दी हुई नेमतें, इस दुनिया के बाजार में ये सब हमारे असली निवेश हैं ।

क्या सच में कोई ऐसा खरीदार है जो अनोखे और एकमात्र खुदा से बेहतर हो? क्या कोई ऐसा दाम है जो जन्नत से ऊँचा हो, जो अल्लाह की असीम दया का प्रतीक है?

इसी लिए, मौला ए मुवाहेदीन इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया है:

أَلاَ إِنَّهُ لَیْسَ لِأَنْفُسِکُمْ ثَمَنٌ إِلاَّ اَلْجَنَّةُ فَلاَ تَبِیعُوهَا إِلاَّ بِهَا अला इन्नहू लैसा लेअंफ़ोसेकुम समनुन इल्लल जन्नतो फ़ला तबीऊहा इल्ला बेहा 8

"जान लो कि तुम्हारी जान की कीमत सिर्फ जन्नत है, इसलिए खुद को जन्नत के सिवा किसी और चीज़ के लिए मत बेचो।"

हवालाः

1- सूर ए फ़ातिर, आयत 29

2- तोहफ़ उल-अक़ूल, भाग 1, पेज 483

3- सूरह बक़रा, आयत 16

4- सूर ए फ़ातिर, आयत 29

5- सूर ए तौबा, आयत 111

6- सूर ए बक़रा, आयत 207

7- सूर ए तौबा, आयत 111

8- ग़ेरर उल-हिकम, भाग 1, पेज 177

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha