मंगलवार 17 जून 2025 - 04:50
हसरत और अफसोस के बजाय, तलाफ़ी करें

हौज़ा/इमाम हादी (अ) ने अपने हकीमाना कलाम में अतीत के लिए सुधार करने की आवश्यकता पर ध्यान दिलाया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "मीज़ान उल-हिक्मा" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الهادی علیه السلام:

اُذکُر حَسَراتِ التَّفریطِ بِأَخذِ تَقدیمِ الحَزمِ.

इमाम अली नकी (अ) ने फ़रमाया:

अतीत की असफलताओं पर पछताने और अफसोस करने के बजाय, दृढ़ इच्छाशक्ति के माध्यम से अतीत के लिए तलाफ़ी करें।

मीज़ान उल-हिक्मा, भाग 7, पेज 454

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