सोमवार 8 अगस्त 2022 - 08:34
आशूर के दिन ग़म और गिरिया और रोने का सवाब

हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में आशूर के दिन ग़म और गिरिया और रोने के सवाब की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मिज़ानुल हिक्मा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:


:قال الامام الرضا علیه السلام

مَن كانَ يَومُ عاشوراءَ يَومَ مُصيبَتِهِ و حُزنِهِ وبُكائِهِ ، يَجعَلُ اللّه ُ يَومَ القيامَةِ يَومَ فرحِهِ و سُرورِهِ


हज़रत इमाम रज़ा अ.स. ने फरमाया:


जिनके लिए आशूरा का दिन परेशानी,ग़म और गिरीया का दिन हो तो अल्लाह तआला उसके लिए कयामत के दिन को खुशी का दिन करार देंगा
मिज़ानुल हिक्मा, हदीस 13011

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha