हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मिज़ानुल हिक्मा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمومنین علیه السلام
قالَ عَجِبْتُ لِمَن يُنْشِدُ ضـالَّتَهُ وَ قَدْ اَضَلَّ نَفْسَهُ فَلا يَطْلُبُها؛ـالَّتَهُ وَ قَدْ اَضَلَّ نَفْسَهُ فَلا يَطْلُبُها؛
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
मुझे ऐसे लोगों पर आश्चर्य है कि जो अपनी खोई हुई चीज़ की तलाश में है हालांकि उसने खुद को गुम कर दिया हैं।
मिज़ानुल हिक्मा,भाग 7,पेज 141