बुधवार 6 अगस्त 2025 - 19:48
फ़िलिस्तीनी स्वतंत्रता के लिए फ़्रांस का प्रस्ताव महज़ एक राजनीतिक छलावा है: उस्ताद रशाद

 हौज़ा / तेहरान के हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख, उस्ताद अली अकबर रशाद ने "दो-राज्य समाधान" की पश्चिमी योजना को फ़िलिस्तीनी आंदोलन के ख़िलाफ़ एक नया राजनीतिक छलावा बताते हुए इसे "ख़तरनाक और बहुआयामी चाल" बताया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तेहरान सेमिनरी के प्रमुख, उस्ताद अली अकबर रशद ने "दो-राज्य समाधान" की पश्चिमी योजना को फ़िलिस्तीनी आंदोलन के ख़िलाफ़ एक नया राजनीतिक छलावा बताते हुए इसे "ख़तरनाक और बहुआयामी चाल" बताया है।

उन्होंने अपने बयान में कहा कि फ़्रांस जैसे औपनिवेशिक अतीत वाले देश द्वारा फ़िलिस्तीनी स्वतंत्रता का प्रस्ताव रखना अपने आप में एक "हास्यास्पद तमाशा" है। उस्ताद रशद ने कहा कि इज़राइल ख़ुद इन्हीं पश्चिमी शक्तियों द्वारा रची गई एक नकली और थोपी हुई परियोजना है, और अब इन्हीं शक्तियों द्वारा फ़िलिस्तीन के समर्थन का दावा सिर्फ़ पाखंड और छल है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रस्ताव के माध्यम से पश्चिमी शक्तियों का उद्देश्य न केवल इज़राइल को गाजा के दलदल से बाहर निकालना और उसका अलगाव समाप्त करना है, बल्कि प्रतिरोध मोर्चे को शारीरिक और नैतिक रूप से निरस्त्र करना और अरब देशों को इज़राइल के साथ संबंध सामान्य करने के लिए मजबूर करना भी है।

प्रोफ़ेसर रशद ने कहा कि अगर पश्चिम वास्तव में फ़िलिस्तीनियों के पक्ष में है, तो उसे इज़राइल के प्रति अपना समर्थन समाप्त कर देना चाहिए; प्रतिरोध बल स्वयं फ़िलिस्तीन को आज़ाद कराएँगे।

उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम के सभी दावे तब तक निरर्थक हैं जब तक वे इस्लामी क्रांति के नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई द्वारा प्रस्तावित "जनमत संग्रह" योजना को स्वीकार नहीं करते, जिसमें केवल फ़िलिस्तीन के मूल निवासियों को ही मतदान का अधिकार होगा।

उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन का उद्धार केवल सशस्त्र प्रतिरोध और मूल निवासियों की भागीदारी वाले जनमत संग्रह से ही संभव है।

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