शुक्रवार 22 अगस्त 2025 - 22:01
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.की वफात और हजरत इमाम हसन अ.स. की शहादत के मौके पर शाबे जुमेरात कर्बला में नूरानी माहौल

हौज़ा / माहे सफ़र के आखिरी दिन हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही व सल्लम की वफात और इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत और इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर कर्बला में एक रूहानी माहौल दिखाई दिया इस मौके पर बड़ी संख्या में ज़ायरीन उपस्थित हुए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,माहे सफ़र के आखिरी दिन हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही व सल्लम की वफात और इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत और इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर कर्बला में एक रूहानी माहौल दिखाई दिया इस मौके पर बड़ी संख्या में ज़ायरीन उपस्थित हुए

हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.की वफात और हजरत इमाम हसन अ.स. की शहादत के मौके पर शाबे जुमेरात कर्बला में नूरानी माहौल

अल-कफील के हवाले से शहर कर्बला, इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके भाई हज़रत अबुल फ़ज़ल अल-अब्बास अलैहिस्सलाम के रौज़ों पर माह सफ़र की आखिरी जुमेरात को मनाने के लिए ज़ायरीन की भारी भीड़ जमा हुई माहे सफ़र के दिनों में, पाक शहर कर्बला इराक़ के अंदर और बाहर से लाखों ज़ायरीन का स्वागत करता है, जो दोनों पवित्र रौज़ों की ज़ियारत के लिए आते हैं।

जुमा के दिन "अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मदिन व आले मुहम्मद व अज्जिल फरजहुम" ज़िक्र की बहुत अहमियत है। इतना कि इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का फरमान है कि दरूद भेजना इतना क़ीमती है कि मासूम इमाम, जो रोज़ाना हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही व सल्लम और उनके पाक परिवार पर 1000 बार दरूद भेजते थे।

हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.की वफात और हजरत इमाम हसन अ.स. की शहादत के मौके पर शाबे जुमेरात कर्बला में नूरानी माहौल

"सदक़ा देना", "अल्लाहु अकबर" और "ला इलाहा इल्लल्लाह" का ज़िक्र भी उन अमलों में से हैं जिन पर माहे सफ़र के आखिरी जुमआ में ज़ोर दिया गया है। इसके अलावा, दो रक़अत नमाज़ पढ़ना, जिसमें हर रक़अत में सुरा अल-फ़ातिहा के बाद सुरा अल-अनआम पढ़ी जाए, उसका भी बहुत सवाब है। माहे सफ़र के इन आखिरी दिनों में रोज़ा रखना भी बहुत क़ीमती है।

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