हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर बड़ा गांव जौनपुर का कदीमी जुलूस बड़ी हकीदत के साथ निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में मोमिनीन उपस्थित हुए इस मौके पर देश की मशहूर वो मारूफ अंजुमनों ने नौहा व मातम कर आले रसूल को पुरसा पेश किया।
बड़ागांव जौनपर में सोमवार को विश्व का पहला ऐतिहासिक जुलूस-ए-अमारी निकाला गया। हुसैनी मिशन के अध्यक्ष सैयद जीशान हैदर के नेतृत्व में जुलूस सुबह चार बजे शुरु हुआ। जुलूस में अलम, ज़ुलजनाह और अमारियां शामिल थीं। देश भर से आई दर्जनों अंजुमनों ने अलग-अलग अंदाज में नौहा व मातम पेश किया।
मोमनीन की सुविधा के लिए अंजुमन तमन्ना-ए-ज़हेरा ने चाय और शरबत की व्यवस्था की। शाहगंज रोडवेज पर भी अलग-अलग स्थानों पर सबील का इंतजाम किया गया।नमाज-ए-सुबह के बाद पंजा-ए-शरीफ से शुरु हुआ जुलूस मगरिब देर शाम चहार रौज़ा पर समाप्त हुआ।
वही इस मौके पर दुर दराज़ से आए हुए मोमिनीन के लिए सबील बायादगारे शहीदाने कर्बाला आजमगढ़ की ओर से चाय और शरबत का मोमिनीन के लिए पूरा इंतजाम किया गया।
इस दौरान मुस्लिम समुदाय के साथ हिंदू श्रद्धालुओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मौलाना वसी हसन फैजाबादी, मौलाना हसन मेंहदी गाजीपुरी, मौलाना मिर्जा जाफर लखनऊ समेत कई धर्मगुरुओं ने कर्बला के वाकियात का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन ने अहिंसा का मार्ग अपनाकर मानवता की रक्षा की। कार्यक्रम का संचालन सैयद परवेज मेहंदी और असगर मेहंदी गुड्डू ने किया।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान, प्रभारी निरीक्षक दीपेंद्र सिंह, चौकी प्रभारी मुन्नालाल शर्मा सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा।
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