۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
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हौज़ा / हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर बड़ा गांव जौनपुर का कदीमी जुलूस बड़ी हकीदत के साथ निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में मोमिनीन उपस्थित हुए इस मौके पर देश की मशहूर वो मारूफ अंजुमनों ने नौहा व मातम कर आले रसूल को पुरसा पेश किया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर बड़ा गांव जौनपुर का कदीमी जुलूस बड़ी हकीदत के साथ निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में मोमिनीन उपस्थित हुए इस मौके पर देश की मशहूर वो मारूफ अंजुमनों ने नौहा व मातम कर आले रसूल को पुरसा पेश किया।

जुलूस का नेतृत्व हुसैनी मिशन के अध्यक्ष सैयद जीशान हैदर ने किया ऐतिहासिक जुलूस में देश भर से आई अंजुमनों ने अलग अलग अंदाज में नौहा व मातम पेश किया।

बड़ागांव का ऐतिहासिक जुलूस बृहस्पतिवार को प्रातः चार बजे अलम, ज़ुलजनाह,अमारियों के साथ निकाला गया जुलूस का शुभारंभ सैयद जीशान हैदर की तकरीर से हुआ स्थानीय अंजुमन गुंचये नासिरुल अज़ा ने सभी आने वाले अतिथियों और अंजुमनों की आवभगत में अहम योगदान दिया।

बड़ागांव की अंजुमन तमन्ना-ए-जहरा द्वारा जुलूस में आए हुए ज़ायरीन के लिए चाय और शरबत की सबीलों का पूरा इन्तेजाम किया गया।

इस मौके पर दुर दराज़ से आए हुए मोमिनीन के लिए सबील बायादगारे शहीदाने कर्बाला आजमगढ़ की ओर से चाय और शरबत का मोमिनीन के लिए पूरा इंतजाम किया गया।

बड़ी हकीदत के साथ निकाला गया बड़ागांव का ऐतिहासिक जुलूस ए अमारी

बुधवार की रात्रि से ही सामाजिक संस्था यूथ क्लब बड़ागांव के संस्थापक अध्यक्ष रईस अहमद ने संस्था के सभी सदस्यों के साथ जुलूस में आए हुए श्रद्धालुओं को मिनरल वॉटर कोल्ड ड्रिंक व शरबत की व्यवस्था किया वहीं दूसरी तरफ इफ्सा-ए गम कमेटी के सभी सदस्यों ने चाय नाश्ते का इंतेजाम किया।

आपको बता दे की जुलूस में शामिल लाखों श्रद्धालुओं की सेवा के लिए स्थानीय लोगों के अलावा मेहमान अंजुमनों ने भी चाय व शरबत का इंतजाम किया जिसमें बुधवार को पूरी रात शाहगंज स्थित रोडवेज पर दो अलग-अलग सबील का इंतजाम किया गया था।

कार्यक्रम का संचालन सैयद परवेज मेहंदी और असगर मेहंदी गुड्डू द्वारा संयुक्त रूप से किया गया देश व विदेश से पहुंचे मुस्लिम समुदाय के लोगनमाजे सुबह के बाद पंजा-ए-शरीफ से बरामद हो कर अपने निर्धारित मार्ग से होता हुआ मगरिब के वक्त चहार रौजा पर पहुंच कर खत्म हुआ।

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