हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने फरमाया,अल्लाह फ़रमाता हैः"अगर तुम अल्लाह की मदद करोगे तो अल्लाह तुम्हारी मदद करेगा (और तुम्हे साबित क़दम रखेगा)" (सूरए मोहम्मद,आयत-7)
क्या इससे ज़्यादा साफ़ अंदाज़ में कहा जा सकता है? अगर तुम लोग अल्लाह की राह में क़दम उठाओगे, अल्लाह के दीन की मदद करोगे, अल्लाह भी तुम्हारी मदद करेगा और तुमको साबित क़दम बना देगा।
यह अल्लाह की परंपरा है। यह बदल नहीं सकती।और तुम अल्लाह के दस्तूर में हरगिज़ कोई तब्दीली नहीं पाओगे (सूरए फ़त्ह, आयत-62) अगर अल्लाह के दीन में फिर से जान फूंकने की राह में क़दम बढ़ाया और उस दिशा को मद्देनज़र रखा तो अल्लाह भी तुम्हारी मदद करेगा।
यह बात क़ुरआन ने कही है। इतना साफ़ अल्लाह का वादा है और हमने व्यवहारिक तौर पर इसका तजुर्बा किया है।
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