۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
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हौज़ा/आज पश्चिम की सभ्यता पतन का शिकार है, यानी हक़ीक़त में पतन की ओर बढ़ रही हैं,नरक की आग के मुहाने पर खड़ी हैं,ख़ुद पश्चिमी विचारकों ने इसे महसूस कर लिया है और ज़बान से कहने भी लगे हैं और इक़रार कर रहे हैं,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,आज पश्चिम की सभ्यता पतन का शिकार है, यानी हक़ीक़त में पतन की ओर बढ़ रही हैं।

नरक की आग के मुहाने पर खड़ी है (सूरए तौबा, आयत-10) खाई के किनारे है, ऐसे हालात हैं, अलबत्ता समाज में बदलाव धीरे धीरे आता है, यानी जल्दी महसूस नहीं होता, यहाँ तक कि ख़ुद पश्चिमी विचारकों ने इसे महसूस कर लिया है और ज़बान से कहने भी लगे हैं और इक़रार कर रहे हैं,

ये सब उम्मीद बंधाने वाले बिन्दु हैं, पश्चिमी सभ्यता, भौतिक सभ्यता है जो हमारे मुक़ाबले में है और पतन का शिकार है, यह भी हमारे लिए उम्मीद बंधाने वाले बिन्दु हैं

और यह भी अल्लाह के निश्चित वादों में से एक है, अगर तुम अल्लाह की मदद करोगे तो वह तुम्हारी मदद करेगा” (सूरए मोहम्मद, आयत-7) ख़ैर, और कौन है जो अल्लाह से ज़्यादा सच्चा है, (सूरए निसा आयत-122) अल्लाह कह रहा है

कि अगर तुमने अल्लाह की मदद की, यानी एक स्वस्थ सभ्यता, इस्लामी समाज और अल्लाह के धर्म को व्यवहारिक बनाने की ओर बढ़े, तो अल्लाह भी तुम्हारी मदद करेगा।

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