۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
توبه

हौज़ा/अगर इंसान सही अर्थ में अल्लाह से अपनी ग़लतियों कमियों और लापरवाहियों के सिलसिले में माफ़ी मांगे दिल से माफ़ी मांगे तो अल्लाह उसका जवाब देता है यह तो क़ुरआन की साफ़ आयत है, उन लोगों के लिए अल्लाह का जवाब, जिन्होंने इस्तेग़फ़ार किया और कामयाबी हासिल कर ली

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अगर इंसान सही अर्थ में अल्लाह से अपनी ग़लतियों कमियों और लापरवाहियों के सिलसिले में माफ़ी मांगे दिल से माफ़ी मांगे तो अल्लाह उसका जवाब देता है यह तो क़ुरआन की साफ़ आयत है उन लोगों के लिए अल्लाह का जवाब जिन्होंने इस्तेग़फ़ार किया और अल्लाह से अर्ज़ की कि हमारी मदद कर,

यह था तो ख़ुदा ने उनको दुनिया में भी सिला अता किया और आख़ेरत का बेहतरीन सवाब भी दिया। (सूरए आले इमरान, आयत-148) आख़ेरत से पहले दुनिया में ही उसका जवाब अल्लाह ने दे दिया जिसका सबब वह इस्तेग़फ़ार था जो उन्होंने किया था।

क़ुरआन ने सबक़ सिखाया है, दुनिया के मुख़्तलिफ़ मैदानों में कामयाबी के लिए इस्तेग़फ़ार से मदद लेनी चाहिए।

यानी इस्तेग़फ़ार के सिलसिले में हमारी निगाह यह नहीं होनी चाहिए कि मिसाल के तौर पर व्यक्तिगत गुनाह के सिलसिले में ख़ुद अपने दिल पर लगे हुए गुनाह के धब्बों को साफ़ करने के लिए इस्तेग़फ़ार और तौबा करना काफ़ी है, जी नहीं इस्तेग़फ़ार राष्ट्रीय मैदानों में भी, बड़े बड़े सामाजिक क्षेत्रों में भी फ़ायदा पहुंचाता है और इसका असर पड़ता है और हमको बड़ी कामयाबियां हासिल होती हैं।

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