हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , भारत में वली ए फकीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन डॉक्टर अब्दुल मजीद हकीम इलाही ने दिल्ली, भारत में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के केंद्रीय कार्यालय में मौलाना सैयद अरशद मदनी से मुलाकात की और विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श किया।
बैठक में मुस्लिम उम्माह की एकता, युवा पीढ़ी के धार्मिक मार्गदर्शन, शैक्षणिक और सांस्कृतिक सहयोग और दुनिया के मजलूम मुसलमानों के समर्थन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन हकीम इलाही ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की धार्मिक सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि अगर धार्मिक मदरसों और उलेमा के प्रयास नहीं होते तो आज इस्लाम इस मजबूत स्थिति में मौजूद नहीं होता।
मौलाना अरशद मदनी ने ईरानी प्रतिनिधि का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि उलेमा के बीच संबंध और सहयोग उम्माह की एकता के लिए अत्यंत आवश्यक है।
दोनों नेताओं ने पवित्र कुरआन की सेवा, हाफिज़ों के महत्व और उम्माह में कुरानिक जागरण की भूमिका पर भी बातचीत की, जबकि संयुक्त शैक्षणिक और शोध गतिविधियों, सम्मेलनों और शिक्षकों तथा छात्रों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की गई।
कुछ भारतीय विश्लेषकों के अनुसार, यह बैठक ईरान और भारत के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।
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