۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
मौलाना अरशद मदनी

हौज़ा/ जेयूयू के अध्यक्ष ने कहा कि जो कुछ हुआ उसे देखकर कहा जा सकता है कि यह मुसलमानों के खिलाफ नफरत की इंतेहा है जो अब लोकतंत्र के सदन तक पहुंच गई है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भारतीय संसद में एक मुस्लिम सांसद के साथ अपमानजनक व्यवहार और उन्हें आतंकवादी कहने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक इतिहास के लिए शर्म की बात है देश की यह पहली घटना है।

आज यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि कल संसद में सत्ताधारी दल के एक सदस्य ने एक मुस्लिम सांसद के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया, यहां तक ​​कि उन्हें खुलेआम 'आतंकवादी, कटवा, मुल्ला' कहा गया। ऐसा कहा गया और धमकी दी गयी संसद के बाहर देखा जाए, यह शर्मनाक है और जमात पर धब्बा है।

उन्होंने कहा कि संसद में पहले भी कई मुद्दों पर बहुत तीखी और कड़वी बहस हुई है लेकिन किसी भी अन्य सदस्य ने किसी निर्वाचित प्रतिनिधि के खिलाफ ऐसे अशुद्ध और अलोकतांत्रिक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है।

जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जो हुआ उसे देखकर कहा जा सकता है कि यह मुसलमानों के खिलाफ नफरत की इंतेहा  है, जो अब लोकतंत्र के सदन तक पहुंच गई है। आश्चर्य और दु:ख की बात यह है कि जब उक्त सदस्य इतनी गंदी और असंसदीय भाषा बोल रहे थे तो सत्ता पक्ष के किसी भी सदस्य ने उन्हें नहीं रोका।

उन्होंने कहा कि यह नफरत भरा भाषण नहीं बल्कि उससे कहीं ज्यादा था और सदन के अध्यक्ष को इसका तुरंत संज्ञान लेना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अंत में कहा कि यह अध्यक्ष की संवैधानिक और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह उक्त सदस्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आदेश दें।

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