हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नानौता (सहारनपुर) — बज़्म-ए-तुल्लाब-ए-ज़ैनबी की ओर से, हर साल की तरह इस साल भी जनाबे हज़रत ज़ैनब कुबरा (स) की पैदाइश की ख़ुशहाल और मुबारक तारीख़ पर नानौता सादात, ज़िला सहारनपुर में एक शानदार सेमिनार और “महफ़िल-ए-मक़ासिदा” का आयोजन हुआ। इस मौक़े पर हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा, जो “ताहिरा व ज़ाकिया, क़ाएदा व नाशिरा-ए-पैग़ामे-कर्बला, मुहाफ़िज़ा-ए-नस्ले-मुस्तफ़ा, फ़ख़्रे मरियम व सारा, महसना-ए-हव्वा व हाजरा, आलिमा ग़ैर मुअल्लिमा, नाएबा-ए-फ़ातेमा ज़हरा और हफ़ीदा-ए-ख़दीजा” हैं — को ख़िराजे-अक़ीदत पेश किया गया।

यह आयोजन दरअसल उस रिवायत की निरंतरता है जो क़ुम (दीयार-ए-अक़ीला-ए-बनी हाशिम) में इल्मे अहलेबैत हासिल करने वाले हिंदुस्तानी छात्रों ने शुरू की थी। वे हर साल 5 जुमादाअल-औव्वल को हज़रत ज़ैनब की विलादत की तारीख़ पर “महफ़िल-ए-मक़ासिदा” मनाते थे। बाद में हालात कठिन होने पर जब वे अपने वतन लौटे तो उन्होंने तय किया कि यह जश्न हिंदुस्तान के अलग-अलग शहरों में भी जारी रखा जाए, ताकि ज़िक्रे-ज़ैनब के बहाने साल में एक बार मुलाक़ात और हालचाल जानने का मौक़ा मिलता रहे।
अकबरपुर, फ़ैज़ाबाद, बनारस, आज़मगढ़, जबलपुर, अलीगढ़, दुराई (ज़िला अजमेर) और दिल्ली के बाद इस बार यह कार्यक्रम नानौता, ज़िला सहारनपुर में हुज्जतुल इस्लाम मौलाना हशमत साहिब की इच्छा और सहयोग से “मदरस-ए-कुरआन व इतरत” के अंतर्गत हुआ। इसमें मदरसे की छात्राओं, शिक्षिकाओं, प्रिंसिपल और स्थानीय मोमिनों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना हशमत साहिब की तिलावत-ए-क़ुरआन और हदीसे-किसा से हुई, जिसके बाद विभिन्न उलेमा ने हज़रत ज़ैनब की पाक और महान ज़िन्दगी पर विस्तृत रूप से बात की।

वक्ताओं में हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद मोहम्मद अली गौहर (अकबरपुर), मौलाना सैयद आसिफ (बुकनाला सादात), मौलाना अली मोहम्मद (इमाम-ए-जुमा रामपुर), मौलाना आरिफ़ हुसैन, मौलाना सैयद अर्शद काज़मी (जोली) और मौलाना मेराज़ अली मंगलौरी शामिल थे।
मदरस-ए-कुरआन व इतरत की छात्रा सैयदा रिदा बतूल ने अंग्रेज़ी भाषा में “सीरत-ए-ज़ैनब” पर शानदार भाषण दिया, जिसे आधुनिक शिक्षा और दीन की संगति का उत्तम उदाहरण बताया गया। इसके बाद हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद वसीम असगर रिज़वी (बनारस) ने “जनाबे ज़ैनब का इस्मती किरदार” पर भाषण दिया, और गुलज़ार जाफ़री (तारागढ़, अजमेर) ने “काबाए फिक्र है जनाबे ज़ैनब की ज़ात” शीर्षक से अपना शोध-पत्र पेश किया।

मुख्य अतिथि हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन डॉक्टर शेख़ ज़ियाई (दफ़्तर-ए-नुमाइंदगी-ए-वली-ए-फ़क़ीह, दिल्ली) ने समापन संबोधन दिया, जिसका अनुवाद जनाब जवाद करगली ने किया। कार्यक्रम का संचालन गुलज़ार जाफ़री ने किया और मौलाना हशमत ज़ैनबी ने धन्यवाद ज्ञापन पेश किया। यह कार्यक्रम दोपहर 2 बजे प्रारंभ हुआ और मग़रिब से पहले सफलता के साथ समाप्त हुआ।
नमाज़े-मग़रबैन के बाद रात 8 बजे “तरही महफ़िल-ए-मक़ासिदा” आयोजित हुई, जिसका मिसरा-ए-तरह था — “पूछिए पैग़म्बर से शान-ए-सय्यदा ज़ैनब।”
महफ़िल की शुरुआत हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद मुहम्मद अज़र काज़मी (धौढली, मेरठ) के बयान-ए-फज़ाइल से हुई। उन्होंने हज़रत ज़ैनब को “शबीहा-ए-ख़दीजा” के रूप में श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रमुख शायरों ने अपने नज़्में और अशआर पेश किए। उनमें मौलाना सैयद नदीम असगर (बनारस), मौलाना मेराज़ अली मंगलौरी, डॉक्टर माइल चंदौलवी, मौलाना रज़ी बसवानी, जनाब कलीम बिजनौरी, मौलाना गुलज़ार मौलाई (बनारस), मौलाना इक़बाल इमानी (बनारस), मौलाना वसीम रिज़वी (बनारस), मौलाना आसिफ (बुकनाला), मौलाना सलीम अब्बास ज़ैदी (बेहड़ा सादात, मुज़फ्फ़रनगर), मंसब अली अजमेरी, अली नासिर मशहदी, शौक़ नानौतवी, अमीर हैदर नानौतवी, वसीम और खुर्रम साहिब शामिल थे।
महफ़िल का संचालन मौलाना क़िर्तास कर्बलायी ने किया और समापन मौलाना शादाब हुसैन मुज़फ़्फरनगरी की दुआ से हुआ। मौलाना वसीम रिज़वी ने सभी मेहमानों और स्थानीय मोमिनीन का हार्दिक धन्यवाद किया।
ज़िक्र के लायक़ “तुल्लाबे-ज़ैनबी” में हुझ्जतुल इस्लाम मौलाना असद नानौतवी, मौलाना हिदायत नानौतवी, मौलाना सैयद आल मुहम्मद मुज़फ़्फरनगरी, मौलाना नईम गौहर और मौलाना सैयद मुहम्मद हुसैनी के नाम शामिल हैं। इसके अलावा कई स्थानीय उलेमा ने भी इस जश्न में हिस्सा लिया, जिनमें मौलाना तन्हवीर आलम और मदरस-ए-कुरआन व इतरत के बानी मौलाना मुख्तार की सेवाएं विशेष रूप से सराहनीय रहीं।
 
             
                 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        
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