हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , बुशहर के प्रसिद्ध धर्मगुरु हाजी मिर्जा मोहम्मद सदर ने अपने बचपन का एक अद्भुत वाकया सुनाया है, जिसमें हज़रत अली अ.स. से तवस्सुल ने उन्हें और उनके भाई को भूख और परेशानी से निजात दिलाई।
विस्तार के मुताबिक, जब उनके पिता हाजी शेख़ मोहम्मद अली नजफ से हिंदुस्तान की यात्रा पर गए, तो घर के खर्च के लिए छोड़ा गया पैसा कुछ ही दिनों में खत्म हो गया। छह से सात साल के ये दोनों बच्चे भूख से बेहाल होकर शाम के वक्त रोते हुए अपनी माँ से लिपट गए।
उनकी माँ ने दोनों बच्चों को वज़ू कराया, साफ कपड़े पहनाए और उन्हें हरम-ए-अमीरुल मोमिनीन (अ.स.) ले गईं। माँ ने कहा कि तुम दोनों जाकर हज़रत अली अ.स. से अर्ज़ करो कि हमारे पिता सफ़र में हैं और हम आज रात भूखे हैं, आप ही हमारी मदद फरमाएं।
दोनों बच्चे ज़रीह से लिपटकर रोए, हाजत (जरूरत) माँगी और घर के खर्च के लिए दुआ की। मग़रिब की अज़ान और नमाज़ के बाद एक शख्स सामने आया, एक थैली बच्चों के हाथ में थमाई और कहा,यह अपनी माँ को दे दो, और जब तक तुम्हारे पिता वापस न आएं, जिस चीज़ की ज़रूरत हो, फलाँ जगह से ले लिया करना।
बयान के मुताबिक, पिता की वापसी तक कई महीने बीत गए, और इस पूरे दौरान यह परिवार बेहतरीन तरीके से रहता रहा, यहाँ तक कि नजफ के सम्मानित और धनी परिवारों की तरह जीवन व्यतीत किया।
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