۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / उस सूरत में बीवी का नफ्क़ा वाजिब नहीं हैं, जब तक की बीवी का शौहर की नाफरमानी करना शरियत में जायज़ ना हो, लेकिन बच्चे के खर्च पिता को अदा करना होगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल : अगर पत्नी को ज़बानी झगड़े के नतीजे में बाप के घर भेज दिया जाए तो क्या उस सूरत में उसका और बच्चों का नफ्क़ा देना शौहर (पति) पर वाजिब है?

जवाब: उस सूरत में बीवी का नफ्क़ा वाजिब नहीं हैं, जब तक की बीवी का शौहर की नाफरमानी करना शरियत में जायज़ ना हो, लेकिन बच्चे के खर्च पिता को अदा करना होगा।

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