मंगलवार 2 दिसंबर 2025 - 07:12
हज़रत उम्मूल बनीन स.ल.की सीरत नमूने अमल है

हौज़ा / हज़रत उम्मूल बनीन स.ल. की वफात के मौके पर हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना मेराज रन्नवी से एक खुसूसी इंटरव्यू हुआ उन्होंने हज़रत उम्मूल बनीम स.ल.की सीरत और किरदार के ऊपर रौशनी डाली।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत उम्मूल बनीन स.ल. की वफात के मौके पर पैरिस चेन्नई के इमाम ए जुमआ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना मेराज रन्नवी से एक खुसूसी इंटरव्यू हुआ उन्होंने हज़रत उम्मूल बनीम स.ल.की सीरत और किरदार के बारे में कहा की आप की सीरत दुनिया की तमाम औरतों के लिए बेनज़ीर मिसाल हैं।

विस्तृत इंटरव्यू इस तरह है:

हौज़ा न्यूज़ : मौलाना साहब सलामुन अलैकुम हमारा पहला सवाल, हज़रत उम्मुल बनीन स.अ.के व्यक्तित्व का सबसे महत्वपूर्ण पहलू आपके विचार में क्या है?

मौलाना मेराज हैदर : वालेकुम सलाम;बिना किसी संदेह के, वह उनकी अतुलनीय विनम्रता और 'इताअत ए इमाम' ,मासूम इमाम की आज्ञापालन में उनकी अटूट निष्ठा है। उन्होंने स्वयं को कभी भी हज़रत फातिमा ज़हरा स.अ.का स्थान लेने वाली नहीं समझा। विवाह के बाद पहले ही दिन, इमाम हसन और इमाम हुसैन अ.स.से उनके यह शब्द, "मैं आपकी माँ नहीं, बल्कि आपकी सेविका बनकर आई हूँ,उनकी शुद्ध नीयत और असीम समर्पण को दर्शाते हैं। यही वह आधार था जिस पर उन्होंने अपने बच्चों, विशेष रूप से हज़रत अब्बास अ.स.को, इमाम हुसैन अ.स.के प्रति पूर्ण समर्पण की शिक्षा दी।

हौज़ा न्यूज़ : उनके विवाह को इतना विशेष क्या चीज़ महत्वपूर्ण बनती हैं?

मौलाना मेराज हैदर : यह विचार ही अद्भुत है कि हज़रत अली अ.स. जो हज़रत फातिमा ज़हरा स.अ.जैसी महान हस्ती के पति थे ने स्वयं हज़रत उम्मुल बनीन का हाथ माँगा। यह उनकी पवित्रता, चरित्र और ईमान की ऊँचाई का प्रमाण है यह सम्मान उनके स्थान को और बढ़ा देता है।

हौज़ा न्यूज़ : आज की माताओं और महिलाओं के लिए उनकी सीरत से क्या सीख मिलती है?

मौलाना मेराज हैदर : उनकी जीवनी आज के युग के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका है यह केवल धार्मिक अनुष्ठानों की शिक्षा नहीं देती, बल्कि ईमान, बलिदान, निष्ठा और सेवा के उच्चतम आदर्श प्रस्तुत करती है। एक माँ के रूप में उनका ध्यान सांसारिक सफलता पर नहीं, बल्कि सच्चे इंसान बनाने पर था  ऐसे इंसान जो सिद्धांतों के लिए जिएं और अपने नेता के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहें। आज की माताएं अपने बच्चों में यही गुण विकसित करने का प्रयास कर सकती हैं।

हौज़ा न्यूज़ : उनके पुत्रों विशेषकर हज़रत अब्बास अ.स.ने उनकी शिक्षा को कैसे जीवित रखा?

मौलाना मेराज हैदर : हज़रत अब्बास अ.स.का सम्पूर्ण जीवन उनकी माँ की शिक्षा का जीवंत उदाहरण है। कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन अ.स.के प्रति उनकी अडिग निष्ठा, उनकी वीरता और अंतिम साँस तक पानी लाने की कोशिश यह सब हज़रत उम्मुल बनीन स.ल. द्वारा तरबीयत का असर था। केवल हज़रत अब्बास ही नहीं, बल्कि उनके सभी पुत्रों ने इसी पथ का अनुसरण किया और हमें सच्ची आज्ञाकारिता का पाठ पढ़ाया।

हौज़ा न्यूज़ : इस दु:खद अवसर पर आपकी क्या दुआ है?

मौलाना मेराज हैदर : हम इस महान महिला की पुण्यतिथि पर अल्लाह से दुआ करते हैं कि वह हमें उनकी पवित्र सीरत पर चलने की तौफ़ीक़ दे। हम इमाम-ए-ज़माना अ.ज. की सेवा में उनकी उच्च मंजिल के लिए ईश्वर को साक्षी मानकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और सच्चे मार्ग पर चलने की शक्ति माँगते हैं।

हौज़ा न्यूज़ : हम आपका बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करते हैं आपने अपना कीमती वक्त दिया।

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