हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , जम्मू और कश्मीर अंजुमन शरिया के अध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम आगा सैयद हसन अलमूसवी अलसफवी ने कहा कि इबादतगाह को निशाना बनाना, वह भी जुमआ की नमाज़ जैसे पवित्र इज्तिमा के दौरान, इस बात का खुला सबूत है कि आतंकवादी तत्वों का न तो किसी धर्म से कोई ताल्लुक़ है और न ही वे मानवीय मूल्यों को मानते हैं।
ऐसे कृत्यों का उद्देश्य समाज में भय और दहशत फैलाना, सांप्रदायिक नफ़रत को भड़काना और पूरे क्षेत्र की शांति व स्थिरता को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाना है।उन्होंने इस आतंकी हमले में शहीद हुए नमाज़ियों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए ईश्वर से दुआ की।
आगा सैयद हसन ने कहा कि अंजुमन-ए-शरई शियान सीरिया के पीड़ित लोगों के साथ पूर्ण एकजुटता व्यक्त करती है और उनके दुख-दर्द में बराबर की साझेदार है।
अध्यक्ष अंजुमन ने इस्लामी गणराज्य ईरान के सैद्धांतिक रुख़ का समर्थन करते हुए कहा कि आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद किसी एक देश की समस्या नहीं, बल्कि पूरी मानवता का मुद्दा है। उन सभी पक्षों पर गंभीर नैतिक और क़ानूनी ज़िम्मेदारी बनती है जिनकी अवैध दख़लअंदाज़ी, क़ब्ज़ों और सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुँचाने वाली कार्रवाइयों ने आतंकवाद को पनपने का अवसर दिया हैं।
उन्होंने कहा कि सीरिया के कुछ इलाक़ों पर अवैध क़ब्ज़ा और वहाँ की संप्रभुता को कमज़ोर करना ही उग्रवाद और आतंकवाद के फैलाव की मूल वजह है, जिसे किसी भी सूरत में नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
इस अवसर पर आगा सैयद हसन मूसीवी ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के ख़िलाफ़ जारी हिंसा, हमलों और असुरक्षा पर भी गहरा दुःख और चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि धर्म या पहचान के आधार पर किसी भी समुदाय को निशाना बनाना सरासर ज़ुल्म, मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन और पूरी तरह अस्वीकार्य है।
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