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टेक्नोलॉजी, मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के शरई पहलू / आयतुल्लाहिल उज़्मा मक़ारिम…
हौज़ा / मरजा ए तकलीद आयतुल्लाहिल उज़्मा मक़ारिम शीराज़ी ने आधुनिक तकनीक, कॉपीराइट, मीडिया के उपयोग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित पैदा होने वाले संवेदनशील शरई सवालों के विस्तृत जवाब देते हुए स्पष्ट किया है कि दूसरों के वैज्ञानिक, बौद्धिक और व्यक्तिगत अधिकारों का ध्यान रखना हर हाल में ज़रूरी है, चाहे कानून इसे अनिवार्य करे या न करे।
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छात्रों को शैक्षणिक प्रगति और आध्यात्मिक विकास के लिए निरंतर और अथक प्रयासों को बहुत…
हौज़ा / आयतुल्लाह आराफी ने कहा: रूहानी तरक़्क़ी तभी मुमकिन है जब इंसान अपने भीतर की बेदारी, ज़हनी होशियारी और दिल की निगहबानी को मजबूत करे, क्योंकि इंसान की रूह शैतानी फुसफुसाहटों और नफ़्सानी इच्छाओं के हमलों का निशाना होती है।
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बसीरत और तवाज़ो के बिना मानवी मक़ामात तक रसाई सम्भव नही हैः हुज्जतुल इस्लाम सय्यद…
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन सय्यद रहीम तवक्कुल ने कहा कि इंसान अगर बसीरत, तवाज़ो और ख़ुलूस के साथ ज़िन्दगी के क़ीमती लमहात से फ़ायदा उठाए तो वह मामूली अफ़राद से बुलंद होकर आला-तरीन रूहानी मरातिब तक पहुंच सकता है।
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मोमिन की अलामत यह है की नामे हुसैन अ.स. सुनते ही दिल पिघल जाए और आंख नम हो जाए। हुज्जतुल…
हौज़ा / मशहूर कुरआन शिक्षक और अख्लाक के प्रोफेसर हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन हुसैन अन्सारियान ने कहा कि सोच-समझकर और अर्थपूर्ण शब्द इंसान की तकदीर बदल देते हैं, जबकि बेमानी शब्दों की कोई कीमत नहीं है। मोमिन की पहचान यह है कि हुसैन अ.स. का नाम सुनते ही दिल पिघल जाए और आँख नम हो जाए।
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दुश्मन ने फौजी और राजनीतिक मोर्चों पर नाकामी के बाद अपनी पूरी ताकत सांस्कृतिक युद्ध…
हौज़ा / शहर बीरजंद में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आयतुल्लाह महमूद रजबी ने कहा कि हक़ और बातिल का टकराव इंसान की पैदाइश के आगाज़ से ही शुरू हो गया था और क़यामत तक जारी रहेगा।
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ख़ुदा की रज़ा और खुशनुदी आवाम की खिदमत में हैंः आयतुल्लाह सईदी
हौज़ा / आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद सईदी ने कहा,दुनियावी मंसब और नेमतें ख़ुदा की अमानत हैं और हर ज़िम्मेदार क़यामत के दिन अपने अमल के बारे में जवाबदेह होगा।
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मौजूदा दौर की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, हौज़ा ए इल्मिया में 400 से अधिक विषय…
हौज़ा / हौज़ा‑ए‑इल्मिया के प्रमुख ने कहा: मौजूदा दौर की ज़रूरतों और इंक़लाब व इस्लामी निज़ाम के तक़ाज़ों को पूरा करने के लिए, हौज़ा‑ए‑इल्मिया के इल्मी दरख़्त में 16 बड़े शोबे‑ए‑इल्म और 400 से ज़्यादा मज़ामीन और तख़स्सुसात तैयार और मंज़ूर किए गए हैं।
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हौज़ा ए इल्मिया आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में अग्रणी है / मीडिया को…
हौज़ा/ हज़रत आयतुल्लाह मक़ारिम शीराज़ी ने मरकज़े नूर की शानदार कामयाबियों की प्रचार की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा: बहुत से क़ीमती इल्मी काम हो रहे हैं, लेकिन उनकी तशहीर नहीं होती। मीडिया और टीवी को चाहिए कि वे दिखाएं कि हौज़ा-ए इल्मिया ने साइंस और टेक्नोलॉजी में किस तरह तरक़्क़ी और उन्नति हासिल की है।
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सय्यदा फातिमा जहरा स.अ.की सीरत को उजागर करना उम्मत की सामूहिक जिम्मेदारी है। आयतुल्लाह…
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने घोषणा की है कि मराजय ए इकराम हौज़ा ए इल्मिया की सुप्रीम काउंसिल और धार्मिक केंद्रों के समर्थन और समन्वय से, दूसरे फातिमी दिनों (अय्याम-ए-फातिमिया) में तब्लिग़ के लिए, हौज़ा ए इल्मिया के उच्च स्तरीय कोर्सेज (सुतूह-ए-आली) और दर्स-ए-ख़ारिज सहित सभी विशेषज्ञता केंद्र 29 जमादिल-अव्वल से 7 जमादिस-सानी 1447 हिजरी तक बंद रहेंगें।
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आयतुल्लाह शब ज़िंदादार का हौज़ा न्यूज एजेंसी का दौरा
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया की सुप्रीम काउंसिल के सचिव आयतुल्लाह शब-ज़िंदादार ने आज सुबह हौज़ा न्यूज एजेंसी का दौरा किया।
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भारतीय धार्मिक विद्वानों का परिचय | मौलाना सय्यद अली तक़वी बास्टवी
हौज़ा /पेशकश: दनिश नामा ए इस्लाम, इन्टरनेशनल नूर माइक्रो फ़िल्म सेंटर दिल्ली
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हज़रत ज़हरा (सला मुल्लाह अलैहा) की रज़ा और ग़ज़ब का अल्लाह से संबंधित होना उनके महान…
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हबीबुल्लाह फरहज़ादेह ने कहा,पैगंबर ए इस्लाम स.अ.व. ने फरमाया: यदि सारी सुंदरता, सौंदर्य और पूर्णता को एक व्यक्तित्व में एकत्रित कर दिया जाए, तो वह फातिमा ज़हेरा होंगी बल्कि फातिमा सुंदरता और सौंदर्य से भी ऊपर हैं क्योंकि वह सभी अच्छाइयों का स्रोत हैं।
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अगर हौज़ा और यूनिवर्सिटी धर्मनिष्ठा के मार्ग पर चलते रहेंगे तो समाज भी सुधार के मार्ग…
हौज़ा / आयतुल्लाहfल उज़्मा जवाद आमोली ने फ़रमाया कि तक़वा, तौहीद, अक़्लानियत और अद्ल ही वे बुनियादें हैं जो न सिर्फ़ मुआशरे बल्कि हौज़ा और यूनिवर्सिटी को भी संभाले रखती हैं। अगर ये दोनों इल्मी मराकिज़ दीनदारी के रास्ते पर दुरुस्त सिम्त में गामज़न रहें तो पूरा मुआशरा भी दुरुस्त सिम्त में आगे बढ़ेगा।
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हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (सला मुल्ला अलैहा) मज़हरे नूर-ए-इलाही और खिदमत खल्क का कामिल…
हौज़ा / ईरान के हौज़ा-ए-इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफ़ी ने कहा है कि हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.अ.न केवल इबादत और मरफत की सर्वोच्च मिसाल हैं, बल्कि वे इंसानियत की सेवा, न्याय और सामाजिक प्रशिक्षण का भी पूर्ण आदर्श हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकारी और शहरी प्रशासक अपनी सेवाओं को सैय्यदा स.अ.की सीरत के अनुरूप बना लें, तो हमारे शहर प्रकाश आध्यात्मिकता और न्याय के केंद्रों में बदल सकते हैं।
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विलायत के बग़ैर हासिल किया गया इल्म चोरी है ना कि बुद्धिमानी
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने कहा कि "ला इलाहा इल्लल्लाह" और "विलायत-ए-अली इब्न अबी तालिब (अ.स.) एक ही वास्तविकता के दो नाम हैं। यह वह किला है जिसका रक्षक स्वयं अल्लाह है और जिसके दरबान अली अ.स.और उनकी संतान हैं। जो ज्ञान इस किला-ए-विलायत से न गुजरे, वह बे-बरकत ज्ञान है, जो न तो इंसान के काम आता है और न दुनिया के।
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हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सला मुल्ला अलैहा ने चेहरा ए निफ़ाक़ को बेनक़ाब कियाः आयतुल्लाह…
हौज़ा / हज़रत मासूमा क़ुम (सला मुल्लाह अलैहा) के हरम के मुतावल्ली आयतुल्लाह सय्यद मोहम्मद सईदी ने कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा (सला मुल्ला अलैहा) की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह थी कि वह लोगों के बीच छुपे हुए नाफिकों यानी कपटी लोगों का असली चेहरा उजागर करें जो पैगम्बर मोहम्मद (स) के दौर में अपनी झूठी धार्मिकता का दिखावा करते थे।
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हौज़ा न्यूज़ एजेंसी को उलमा व रुहानियत की आवाज़, असली हौज़वी विचारधारा और दृष्टिकोण…
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मोहम्मद जवाद ज़ारेआन ने हौज़ा न्यूज़ एजेंसी को उलमा व रुहानियत की आवाज़ क़रार देते हुए कहा: इस न्यूज़ एजेंसी की विशेष ख़ासियत यह है कि यह डाइरैक्ट उलमा के बाबरकत इदारे से वाबस्ता है और असली हौज़वी विचारधारा और दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है।
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नहजुल बलाग़ा इल्म, अदब, हिक्मत और तहज़ीबी तरबियत का अज़ीम मकतब है, आयतुल्लाह आराफ़ी
हौज़ा / क़ुम के इमाम जुमा आयतुल्लाह आराफ़ी ने कहा: हम इस हक़ीक़त के क़ायल हैं कि नई स्मार्ट टेक्नोलॉजीज़ में बेमिसाल मौक़े मौजूद हैं लेकिन फ़र्द, खानदान, समाज और निज़ाम-ए हुकूमरानी के लिए संगीन ख़तरात भी मौजूद हैं, लिहाज़ा इन चैलेंजों का मुक़ाबला करने के लिए होशियार रहना ज़रूरी है।
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इस्लामी निज़ाम को नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी अमल या बयान जहालत का उदाहरण है
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जावादी आमोली ने कहा,इमामत और उम्मत की व्यवस्था में सामाजिक और धार्मिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि अज्ञानता को पहचाना जाए और उसे समाप्त किया जाए। कोई भी कार्य या अभिव्यक्ति जो इस्लामी व्यवस्था को नुकसान पहुँचाती है, वास्तव में अज्ञानता है और उसका सुधार अनिवार्य है।
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हज़रत फातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की सीरत, इस्तिकबार के मुक़ाबले में मोमिनाना मज़ाहमत…
हौज़ा / ईरान के ख़ुरासान रज़वी प्रांत में वली-ए-फ़क़ीह के प्रतिनिधि आयतुल्लाह सय्यद अहमद अल्मुलहुदा ने कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की सीरत, इस्तिकबार के मुक़ाबले में मोमिनाना मज़ाहमत का वाज़ेह और अमली नमूना है, और उम्मत-ए-इस्लामी को अपनी मज़ाहिती हिकमत-ए-अमली इसी मंतिक-ए-जिहाद से अख़ज़ करनी चाहिए।