हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, इमाम रज़ा (अ.स.) के हरम के प्रमुख मुहम्मद तवक्कुली ने बात करते हुए कहा कि हज़रत इमाम अली रज़ा के हरम के ख़ादिमो ने इस्लामी क्रांति के नेता के आदेश पर पिछले साल अप्रैल में एक "सहानुभूति अभियान" (या एक दयालु अभियान) लॉन्च किया था। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के फैलने के कारण पिछले साल हरम मोताहर रिजवी को बंद कर दिया गया था और जैसा कि रमजान के पवित्र महीने में था, हरमे रिजवी के खादीमो (नौकरों) ने मशहद में जरूरतमंदों की मदद के लिए इमाम खुमैनी हाल और कौसर हाल मे राहत सामाग्री के पैकेट तैयार किए। इस अभियान के पीछे यह अच्छा विचार था। अगर कोरोना वायरस के कारण हरमे रज़वी मे इफ़तार का दसतरखान नही बिछाया जा सका तो वही राशि सहायता के रूप मे जरूरत मंद लोगों तक पहुंचाइ जाए।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत, जो परियोजना पिछले साल अप्रैल में शुरू की गई थी और अभी भी जारी है, मशहद और खुरासान रिजवी प्रांत के जरूरतमंद और गरीबों के बीच चावल, तेल, दाल, चाय, टमाटर पेस्ट और पनीर आदि सहित राहत वस्तुओं के एक लाख तीस हजार से अधिक पैकेट वितरित किए गए थे।
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण देश में कई दिन तक मजदूरों और फ्रीलांसरों को नौकरी से निकाल दिया गया है, हरमे रिजवी के ट्रस्टी ने सहायता प्रदान की है। पवित्र शहर मशहद के जरूरतमंद परिवारों में रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान राहत के सामानों के हजार पैकेट।