हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "
एहक़ाकुल हक़" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام المجتبی علیہ السلام
أکْيَسُ الْکَيِّسِ التُّقي، وَ أحْمَقُ الْحُمْقِ الْفُجُورَ، الْکَريمُ هُوَ التَّبَرُّعُ قَبْلَ السُّؤالِ
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
बुद्धिमान (होशियार तरीन)बा तक्वा और परहेज़ गार लोग है, अहम्क और नादान तरीन लोग गुनाहगार अहले मसियात हैं,और बा इज़्ज़त तरीन लोगो है,
जो ज़रूरत से पहले ज़रूरतमंदों की मदद करते हैं।
एहक़ाकुल हक़,भाग 11,पेंज 30