हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लेमीन पाकिस्तान के केंद्रीय महासचिव अल्लामा राजा नासिर अब्बास जाफरी ने पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) के नवासे इमाम हसनैन (अ.स.) के जन्मदिन के शुभ अवसर पर अहलैबेत (अ.स.) के चाहने वालो को बधाई देते हुए कहा कि हुसैनी फिक्र को मार्गदर्शक बनाकर अत्याचार और उपनिवेशवाद का मुकाबला किया जा सकता है। दुनिया में सभी हुसैनी आंदोलनो शीर्ष ऊंचा और उसके मुकाबले पर आने वाले सभी आंदोलनो का शीर्ष झुका हुआ है। इमाम हुसैन (अ.स.) वह व्यक्ति हैं जिन्होंने मानवता को बुलंदी अता की है। उन्होंने साहस और दृढ़ता का वह इतिहास लिखा है जिसकी दुनिया में कोई मिसाल नहीं है और प्रलय के दिन तक नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया की अभिमानी शक्तियां, सभी संसाधनों के बावजूद, हुसैनी अनुयायियों से डरती हैं। जब भी सच्चाई और झूठ की लड़ाई होती है, दुनिया की नजर कर्बला के प्रचारकों पर होती है। दुनिया इस तथ्य से अवगत हो गई है कि हुसैन के प्रति प्रतिबद्धता के बिना मानवता का कल्याण संभव नहीं है। ईसाई धर्म के महान धार्मिक नेता पोप फ्रांसिस की आयतुल्लाह सैय्यद अली सिस्तानी के दरवाजे पर हाजरी से इस तथ्य का पता चलता है कि गैर-मुस्लिमों के बीच भी, अगर इस्लाम में कोई एक व्यक्ति है जो सम्मानित है, तो वह हुसैन के वंशज हैं।
उन्होंने कहा कि इमाम के उच्च पद के लिए हमारी प्रतिबद्धता इस महान जाति का एक विशेष पुरस्कार है। आज का पवित्र दिन हमसे इस बात का तकाजा करता है कि हमें अपने कर्मों और चरित्र से खुद को हुसैनी साबित करना है। हमारे चरित्र को हमारे भाषण की पुष्टि करने दें। सही माना में, हुसैनी वह होगा जिसे इमाम खुद कहेंगे कि वह मेरा सच्चा प्रेमी है।