۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
ماہ رمضان

हौज़ा/ दुआ और मुनाजात कि महाफील के वाक्य का मकसद फलसफा खुद साज़ी को दर्क करना हैं, इसलिए 10 दिन कुरान और खुद साज़ी के हवाले से दुनिया की मोहब्बत,फलसफा, रोज़ा के आदाब और कुरान के दस्तूर के विषय पर दरस होने चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हसन आरिफ, पाकिस्तान के इमामिया छात्र संगठन के केंद्रीय उपाध्यक्ष ने लाहौर में खोसुसी बैठक में कार्यकर्ताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा आई एस ओ ने रमज़ान के पहले दस दिनों को "कुरान और खुद साज़ी" के नाम से मनाने की घोषणा करते हुुुए इस सिलसिले में कहा कि कुरान और रोज़े के महत्व और गुणों पर पाठ आयोजित किए जाए।
उन्होंने कहा कि माहे रमज़ान में हमको भाईचारे का दरस देना चाहिए, माहे रमज़ान में अल्लाह ताला की रहमत उरूज पर होती है रोज़ा सब्र और हमदर्दी का नाम है।
उनका कहना था कि मुल्क भर में दुआ और मुनाजात की महाफील का मकसद फलसफा खुद साज़ी को दर्क करना हैं, इसलिए 10 दिन कुरान और खुद साज़ी के हवाले से दुनिया की मोहब्बत,फलसफा, रोज़ा के आदाब और कुरान के दस्तूर के विषय पर दरस होने चाहिए।

केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन आरिफ ने कहा कि तज़किये नफ्स ज़मिर पार होता है। इकाइयों में प्रशिक्षण कार्यशालाएं होंगी। कार्यशाला में विद्वान नैतिकता, जीवनी, नियम और कुरान के विषयों पर विशेष पाठ देंगे।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि वे पाठ में भाग लें और अपने मित्रों को भी इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित करें।

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