हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "कश्फुल ग़ुम्मा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام السجاد علیہه السلام
عَجِبْتُ لِمَنْ يَحْتَمى مِنَ الطَّعامِ لِمَضَرَّتِهِ وَلايَحْتَمى مِنَ الذَّنْبِ لَمِعَرَّتَهِ
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
मुझे उस आदमी पर ताज्जुब है जो खाने से परहेज़ करता हैं,ताकि उसके नुक्सान में गिरफ्तार ना हो लेकिन गुनाह से परहेज़ नहीं करता कि उसकि बुराइयों से बचा रहे।
कश्फुल ग़ुम्मा, भाग 2,पेंज 107