हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तान के शिया उलेमा काउंसिल के नेता हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अशफाक वहीदी ने ईदे ग़दीर के मौके पर कहा कि ईदे ग़दीर का मतलब है नेतृत्व और अधिकार के साथ जुड़े रहना। पैगंबरे इस्लाम ने ग़दीर घोषित करके, इस्लाम ने एक वास्तविक व्यवस्था की घोषणा की जो इमामत और ख़त्मे नबूवत से संबंधित है। अगर आज ग़दीर नहीं मनाया जाता है, तो इस्लाम का प्रचार बंद हो जाएगा। इस्लामी क्रांति की सफलता ग़दीर की भावना के कारण है, इसलिए उपनिवेशवाद के सपने वर्जित हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया को इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.व.) और मौला अली (अ.स.) के व्यक्तित्व को पहचानना चाहिए ताकि वे सच्चे इस्लाम और धर्म को पहचान सकें। औपनिवेशिक शक्तियों ने ग़दीर के संदेश को शिया-सुन्नी मुद्दे में बदल बदल कर नकारात्मक और विभाजनकारी समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जिनका सफल होना असंभव है।
अंतरराष्ट्रीय स्थिति का जिक्र करते हुए अल्लामा अशफाक वहीदी ने कहा कि कुछ ताकतें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के शासकों को खरीदकर और इजरायल को मान्यता देकर इजरायल के अत्याचारों को छिपाने की कोशिश कर रही हैं। यह उन क्षेत्रों में असंभव है जहां आज अत्याचार बढ़ रहे हैं। मानवता का कत्लेआम हो रहा है जिसमें इजरायल और तागूत का हाथ रंगीन है।
अंत में, उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और विश्व शक्तियों को इराक, सीरिया, बहरैन, यमन, अफगानिस्तान और कश्मीर के उत्पीड़ित लोगों के लिए शांति और व्यवस्था बहाल करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने चाहिए ताकि लोग शांति से रह सकें और उत्पीड़न को समाप्त किया जा सके।