हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामे मोहम्मदी हमेशा नफरत, अलगाववाद और मानवता की हत्या को नकारता है और मकतबे अहलेबैत (अ.स.) इस्लाम की सच्ची छवि है। आज अगर अत्याचारी और उसके एजेंड भयभीत है, तो इस्लामी और विलायती प्रणाली से, क्योंकि हर युग में वास्तविक प्रणाली ने उम्मत की रक्षा की है, इज़राइल और उसके सहयोगियों ने लोगों के अधिकारों का जितना उल्लंघन किया है इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। हाँ इस जमाने के यजीद निर्दोष मनुष्यो की हत्या करके अपने स्वार्थ में लगे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अशफाक वहीदी ने इन विचारो को व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-कर्बला का एक ही संदेश है कि हर युग के अत्याचारी और यजीद के सामने मजबूती से खड़े रहें और हर उत्पीड़ित के साथ खड़े नजर आओ।
मेलबर्न के इमामे जुमा अशफाक वहीदी ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान जिस विचारधारा पर आगे बढ़ रहा है वह इस्लाम का संदेश और ईश्वरीय धर्म का संदेश है। इसलिए साम्राज्यवाद इस्लामी व्यवस्था से भयभीत है।
उन्होने कहा कि साम्राज्यवादी ताकतें दुनिया को विभिन्न वेश में बंधक बनाना चाहती हैं और असुरक्षा फैलाना चाहती हैं। जिसे विलायत-ए-फकीह की व्यवस्था से ही नाकाम किया जा सकता है। हमें मिलकर इस्लामी व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए ताकि दुनिया में न्याय और उत्पीड़ितों की जीत हो सके।