۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
बेदार हुसैन साहब मरहूम

हौज़ा / दीन के बेलौस खिदमत गुज़ार, नामो नमूद के जज़्बे से बेन्याज़ होकर छात्रो को प्रशिक्षित करने वाले दयालु और विनम्र शिक्षक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद बेदार हुसैन साहब ताबा सराह का स्वर्गवास हो गया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, धर्म के निस्वार्थ सेवक, नामो नमूद के जज़्बे से बेन्याज़ होकर छात्रओ को प्रशिक्षित करने वाले दयालु और विनम्र शिक्षक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद बेदार हुसैन साहब ताबा सराह का स्वर्गवास हो गया।

इस दुःखद समय पर हसन इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अमलो, मुबारकपुर के संस्थापक और संरक्षक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना शेख इब्ने हसन अमलवी ने अफसोस जताया कि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद बेदार हुसैन बहुत अच्छे स्वभाव वाले, रचनात्मक और मिलनसार धार्मिक विद्वान थे। हमने लखनऊ में उनके छात्र जीवन को वर्षों से करीब से देखा है। सुबह और शाम, दिन-रात, उठना-बैठना, चलना, खाना, पीना, हंसना और बात करना। हमेशा विनम्र और दयालु, मुस्कुराते हुए माथा और संयम और सभी के समान मीठे शब्द। सभी छात्र उनका सम्मान करते थे और वह सभी बड़े और छोटे का सम्मान करते थे। अल्लाह ने मृतक को ख़ैरे कसीर से नवाज़ा था जभी तो जहा सुलतानुल मदारिस व जामिआ सुलतानिया लखनऊ से शिक्षा प्राप्त की थी वही पर अध्यापक भी बनाए गए।

अफसोस, हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद बेदार हुसैन साहब क़िबला ने शनिवार, 18 सितंबर को लखनऊ में दाई अजल को लब्बैक कहा और कर्बला मलका ए जहा लखनऊ 10 बजे दिन मे सैकड़ो विद्वानों और छात्रो की उपस्थिति में नम आंखो से सपुर्दे लहद कर दिए गए।

मरहूम की महान विशेषता यह थी कि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के अच्छे प्रशिक्षण पर भी बहुत जोर दिया करते थे। दिवंगत को हमेशा एक खुश शिक्षक और संरक्षक के रूप में याद किया जाएगा।

इन छोटे शब्दों के साथ, हम दिवंगत को श्रद्धांजलि देते हैं। और दिवंगत के सभी बचे, विद्वानों, छात्रों, विश्वासियों और महान अधिकारियों, विशेष रूप से हजरत इमाम जमाना (अ.त.फ.श.) की सेवा में, संवेदना और दुआ करते हैं। मरहूम के पसमांदेगान मे पत्नी और तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। अल्लाह सभी को सुरक्षित रखे और सभी रिश्तेदारों को धैर्य प्रदान करे।

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