۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
دہلی

हौज़ा/सहायक शिक्षा जामिया अलमुस्तफा दिल्ली ने कहा: कि हम उच्चतम न्यायालय से यह अनुरोध करते है कि जब वे मुसलमान नहीं रहा तो सरकार ने उसको क्यों वक्फ बोर्ड का मिम्बर बना रखा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम मौलाना मंज़ूर आलम जाफ़री सहायक शिक्षा जामिया अलमुस्तफा दिल्ली ने एक बयान में कहा कि वसीम मुर्तद कि इस्लाम के खिलाफ मुसलसल अपमानजनक और उग्र बातें यूपी के इलेक्शन में दंगा कराने के लिए रची गई साजिश हैं।
उन्होंने कहा कि बदनाम ज़माना वसीम मलऊन ने कुरान मजीद की आयत के इनकार के बाद हज़रत पैग़ंबरे इस्लाम स.ल.व.व. का इनकार किया और फिर उसके बाद अपनी वसीयत का ऐलान करके अपने कुफ्र और इरतेदाद का ऐलान कर दिया,अब
हम उच्चतम न्यायालय से यह अनुरोध करते है कि जब वे मुसलमान नहीं रहा तो सरकार ने उसको क्यों उत्तर प्रदेश का वक्फ बोर्ड का मिम्बर बना रखा है।


अंत में मौलाना ने कहा कि हम सरकार से मुतालबा करते हैं कि पूरे हिंदुस्तान को भट्टाचार्य और फसाद से मुक्ति पाने के लिए वसीम मलऊन को आखरी सांस तक जेल के सलाखों में डाल देना चाहिए

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