हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, इस्लामाबाद: मजलिस-ए-वहदत-ए मुसलेमीन पाकिस्तान के केंद्रीय उप महासचिव अल्लामा अहमद इकबाल रिजवी ने भारत में ईश निंदा की घटना पर नाराजगी जताई, इसे मुसलमानों के लिए एक वैश्विक साजिश करार दिया उन्होने कहा कि दुसाहसी वसीम रिजवी का संबंध मुसलिम उम्मा से नहीं हैं। मुस्लिम घरों में पैदा होने वाले ऐसे धार्मिक देशद्रोही इस्लाम विरोधी ताकतों के उपकरण हैं जिनका उद्देश्य मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत करके पश्चिमी औपनिवेशिक और अभिमानी शक्तियों को खुश करना है।
उन्होंने कहा कि उपमहाद्वीप के इतिहास में यह पहली घटना नहीं है, लेकिन सलमान रुश्दी और तस्लीमा नसरीन जैसे धर्मत्यागी पहले ही अपनी बुराइयों के साथ सामने आ चुके हैं। पवित्र कुरान ईश्वर की सच्ची किताब है। जो भी इसके बारे में एक भी शब्द पर संदेह करता है, वह इस्लाम के दायरे से बाहर है। एक भारतीय नागरिक द्वारा कुरान की आयतों को हटाने के लिए दावा दायर करने का उद्देश्य अत्याचारी शक्तियों को खुश करना है। एमआई 6, रॉ, मोसाद और अन्य वैश्विक खुफिया एजेंसियां इस्लामी दुनिया के खिलाफ विभिन्न मोर्चों पर सक्रिय हैं। वे मुसलमानों के बीच अशांति पैदा करने के लिए मुसलमानों का उपयोग कर रहे हैं।
वसीम रिज़वी जैसे लोगों का धर्म डॉलर और दीनार हैं जो सिर्फ कठपुतलियाँ हैं और उनके तार उन लोगों से जुड़े हैं जो मुसलमानों को नष्ट करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होने कहा कि वह वसीम रिज़वी के खिलाफ भारतीय और पाकिस्तानी विद्वानो का भरपूर समर्थन करते है।