۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
شیرزادی

हौज़ा/ ईरान के शहर मारीवान के अहले सुन्नत इमामे जुमआ ने कहा: शहीद कासिम सुलेमानी अपनी शहादत से पहले और शहादत के बाद भी दुनिया ए इस्लाम के प्रतित जागृति और वरदान का स्त्रोत थे और ईश्वर के मार्ग में इस मुजाहिद के प्रयासों ने दुश्मन के मुकाबले में प्रतिरोध और मजबूत हुआ है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान के शहर मारीवान के अहले सुन्नत इमामे जुमआ मौलवी मुस्तफा शीरज़ादी ने कहां मैं हुकूमती जिम्मेदारों के साथ कासिम सुलेमानी की शहादत की दूसरी बरसी के अवसर पर जनरल कासिम सुलेमानी को श्रद्धांजलि पेश करते हुए कहा कि,ऐतिहासिक इस्लामी क्रांति के बारे में बात करते हुए कहा जनरल कासिम सुलेमानी इस राज्य और क्रांति के पुत्र थे और उन्होंने इस्लाम के रास्ते में अपना जीवन को बलिदान कर दिया।


मौलवी मुस्तफा शीरज़ादी ने कहां,शहीद कासिम सुलेमानी अपनी शहादत से पहले और शहादत के बाद भी
दुनिया ए इस्लाम के प्रतित जागृति और वरदान का स्त्रोत थे , खुदा की राह में शत्रुओं से मुकाबला करते हुए अल्लाह की राह में शहीद हो गए, उन्होंने अपने खुन से इस्लाम को मजबूत किया है।


मौलवी शेरज़ादी ने कहा: शहीद कासिम सुलेमानी की आभी भी कई सेवाएं गुमनाम हैं। इन सेवाओं के बारे में भी लोगों को जागरूक करने की ज़रूरत है।
मौलवी शीराज़ादी ने कहां शहीद सुलेमानी को बहुत से लोग एक योद्धा और सैन्य कमांडर के रूप में जानते हैं लेकिन उनका व्यक्तित्व उससे कहीं अधिक ऊंचा था।


उन्होंने आगे कहा कि हमें शहीद सुलेमानी जैसी शख्सियतों को कभी भी नहीं भूलना चाहिए
आगे उन्होंने कहा कि,अहले सुन्नत के दिल जनरल शहीद कासिम सुलैमानी के लिए प्यार से भरे हुए हैं इतिहास गवाह है उन्होंने कैसे कुर्दिस्तान को आईएसआईएस के चंगुल से बचाया ,

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .