हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद शईदी ने मदरसे इल्मिया हज़रत अमीरूल मोमिनीन अ.स. ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक विद्यार्थी शिक्षा की राह में बहुत सारी परेशानियों का सामना करता है, और उसके रास्ते में बाधाओं और कठिनाइयों का सामना ही रहता है।
उन्होंने कहा कि शैतान से जिहाद का मतलब ये है कि मनुष्य को भगवान का पालन करना चाहिए और जीवन के सभी मामलों में उसके आदेशों का पालन करना चाहिए
अगर जिंदगी के तमाम कामों में अल्लाह की अताअत हो जाए तो उसमें बरकत नज़ील होती हैं।
जब अपनी मर्जी खुदा के एतबार से हो जाती है तो खुदा भी उसमें मिठास डाल देता है और इसी का नाम शहादत है।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद शईदी ने कहां,कि एक आदमी जो रोज़ी कमाने के लिए पसीना बहाता है उस आदमी से वह आदमी अलग है जो कमाने के लिए मेहनत नहीं करता, अगर हमारा इरादा खुदा के मकसद को कमआना हो तो उसने कमाई और मिठास दोनों होगी, और कमाने के मकसद में अगर शैतान हो तो ना तो कमाई होगी ना तो अल्लाह की रिज़ायत हासिल कर सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया है कि कयामत के दिन मलाइका देखेंगे कि कुछ लोग का मकाम और रुतबा बहुत बुलंद है, , मलाइका खुदा से पूछेंगे ऐसा क्यों है? अल्लाह तआला मलाइका से फरमाता है कि इन लोगों ने जो कुछ भी किया है उनकी नियत खालीस थी और वह अल्लाह के लिए आमाल अंजाम दिए हैं, और ऐसे लोगों की नज़रों से छुपा कर मेरे और अपने दरमियां एक राज़ करार दिया है।