हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "मजमुआ ए वर्राम" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلى الله عليه و آله وسلم:
اَلْقَبْرُ یُنَادِی فِی کُلِّ یَوْمٍ بِخَمْسِ کَلِمَاتٍ، اَنَا بَیْتُ الْوَحْدَه فَاحْمِلُوا اِلَیَّ اَنِیساً، وَ أَنَا بَیْتُ الظَّلَمَه فَاحْمِلُوا اِلَیَّ سِرَاجاً اَنَا بَیْتُ التُّرَابِ فَاحْمِلُوا اِلَیَّ فِرَاشاً، اَنَا بَیْتَ الْفَقْرِ فَاحْمِلُوا اِلَیَّ کَنْزاً، وَ اَنَا بَیْتُ الْحَیَّاتِ فَاحْمِلُوا اِلَیَّ تَرْیَاقاً، وَ اَمَّا الْاَنِیسُ فَتِلَاوَه الْقُرْآنِ، اَمَّا السِّرَاجُ فَصَلَوه اللَّیْلِ وَ اَمَّا الْفِرَاشُ فَعَمَلُ الصَّالِحِ وَ اَمَّا الْکَنْزُ فَلَا اِلَهَ اِلَّا الله وَ اَمَّا التَّرْیَاقُ فَالصَّدَقَه
पैगंबर (स.अ.व.व.) ने फ़रमाया:
कब्र हर दिन मनुष्य को पाँच वाक्यों के साथ आमंत्रित करती है:
1- मैं तंहाई (एकांत) का घर हूँ इसलिए अपने मूनिस और दोस्तों के साथ मेरे पास आओ।
2- मैं अँधेरे का घर हूँ, इसलिए मेरे पास दिया लेकर आओ।
3- मैं मिट्टी का घर हूं, इसलिए अपना बिस्तर लेकर मेरे पास आओ।
4- मैं गरीबी और दरिद्रता का घर हूं, इसलिए अपनी पूंजी और खजाना लेकर मेरे पास आओ।
5- मैं सांपों का घर हूं, इसलिए मेरे पास सांपो के जहर का तोड़ लेकर आओ।
किसी भी मामले में, हमराज़ और मूनिस का अर्थ है "तिलावते कुरान", कब्र का दीपक "नमाज़े शब" है, बिस्तर "अच्छे कर्म" है जहर का तोड़ "दान" है।
मजमूआ ए वर्राम , अबिल हुसैन वर्राम, पेज 200