हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मुस्तद रकुल वसाइल " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه و آله وسلم
الضَّیفُ یَنزِلُ بِرِزقِهِ وَ یَرتَحِلُ بِذُنوبِ أهلِ البَیتِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
मेहमान( मेज़बान के यहां) अपनी रोज़ी लेकर आता है और जाते वक्त मेज़बान के घर से मुसीबत साथ लेकर जाता हैं।
मुस्तद रकुल वसाइल,भाग 16,पेंज 285