हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامیر المومنین علیه السلام
اِنَّ هذِهِ الْقُلُوبَ تَمَلُّ كَما تَمَلُّ الاَْبْدانُ فَابْتَغُوا لَها طَرائِفَ الْحِكَمِ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
यह दिल भी उसी तरह से थक जाता है, जिस तरह से जिस्म थक जाता हैं, मगर जब ऐसा हो तो इनके लिए लतीफ और हकीमाना रास्ता तलाश करो,
नहजुल बलाग़ा,हिक्मत नं 89,पेंज 1127