۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/ हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स. ने एक रिवायत में अल्लाह तआला की आज्ञाकारी और गुनाहों को छोड़ने की सलाह दी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तोहफ ए ओकूल " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال الکاظم علیه السلام

اِصبِرْ على طاعَةِ اللّه ِو اصبِرْ على معاصِي اللّه ِ فإنّما الدنيا ساعةٌ ، فما مَضَى منها فلَيسَ تَجِدُ لَهُ سروراً و لا حُزناً ، و ما لم يَأتِ منها فلَيسَ تَعرِفُهُ، فاصبِر على تلك الساعةِ التي أنتَ فيها فَكَأنّكَ قدِ اغتَبَطتَ


हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स. ने फरमाया:


अल्लाह की आज्ञाकारी और गुनाहों को छोड़ने पर सब्र करो, क्योंकि दुनिया एक घड़ी से ज़्यादा नहीं हैं
(अर्थात संसार की अवधि बहुत कम हैं) जो कुछ दुनिया से गुज़र चुका है इसकी ना खुशी का एहसास कर सकते हो और इसके ग़म का और जो दुनिया से अभी आया ही नहीं इसका तुम्हें मालूम ही नहीं कि क्या होगा? बस जिस घड़ी मैं आप हूं उसमें गुना छोड़ने पर सब्र करो और खुश रहो,


तोहफ ए ओकूल,हदीस 396

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